पटना: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के बाद रामविलास पासवान के सांसद पुत्र चिराग पासवान ने नीतीश कुमार पर हमला तेज कर दिया है। अपने आशीर्वाद यात्रा के नौवें चरण के दौरान आरा में चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा वार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जातिवादी सोच से पीड़ित नेता हैं। मुख्यमंत्री के रूप में उनकी जिम्मेदारी है कि प्रदेश को एक जगह बांध कर चलें। लेकिन वे लोगों को जातियों में बांटने का काम कर रहे हैं। चिराग पासवान के इस बयान के छिपे हुए सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
ट्रेन प्रकरण में विधायक गोपाल मंडल पर हो सख्त कार्रवाई
जदयु विधायक गोपाल मंडल द्वारा ट्रेन में की गई हरकत को लेकर चिराग पासवान ने कहा कि उनपर सत्ता का नशा छाया हुआ है। इसी वजह से विधायक जी बार बार ऐसी हरकत करते हैं। विधायक गोपाल मंडल पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन मुख्यमंत्री जातीय समीकरण बिगड़ने के डर से कोई कार्रवाई नहीं करते। मुख्यमंत्री होने के बावजूद दलित को महादलित, पिछड़ा को अति पिछड़ा में बांटने में लगे हैं। चिराग पासवान ने आरोप लगाया के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनका व्यक्तिगत विरोध करते हैं और फोन भी नहीं उठाते। चिराग ने स्वीकार किया कि वे नीतीश कुमार की नीतियों का खुलकर विरोध करते हैं। लेकिन व्यक्तिगत रूप से उनके साथ हैं। मगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने व्यक्तिगत विरोध में लोक जनशक्ति पार्टी और उनके परिवार को तोड़ने का काम किया। चिराग पासवान ने कहा कि वे मुख्यमंत्री की नल जल योजना का विरोध करते हैं तो नीतीश कुमार उनके बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट योजना का विरोध कर सकते हैं। लेकिन मुख्यमंत्री नीतियों के बदले व्यक्ति का ही विरोध करते हैं।
पार्टी चुनाव चिन्ह पर नही है कोई विवाद
पार्टी में सिंबल क्राइसिस के सवाल पर चिराग पासवान ने कहा कि पार्टी के चुनाव चिन्ह को लेकर कोई कंफ्यूजन नहीं है। चुनाव चिन्ह अभी भी उन्हीं के पास है और रामविलास पासवान के पुत्र होने के नाते जनता चिराग पासवान को ही पार्टी का नेता मानती है।