- भीखाबांध गांव के समीप सामने से आ रही अनियंत्रित बाइक से जवान की बाइक की टक्कर हो गई
- पुलिस ने दोनों बाइक को जब्त कर लिया है
- टक्कर मारने वाले को पकड़ कर जेल भेजा
परवेज अख्तर/सिवान: जिले के दरौंदा थाना क्षेत्र के भीखाबांध गांव के समीप मंगलवार की देर शाम दो बाइक के आमने-सामने की टक्कर में सेना के एक जवान की मौत हो गई। मृतक भगवानपुर हाट के गोइयानार निवासी अखिलेश्वर प्रसाद था। घटना के सम्बंध में बताया जाता है कि मंगलवार की देर शाम अखिलेश्वर प्रसाद महाराजगंज से बैंक का काम करके घर लौट रहा था। इसी दौरान भीखाबांध गांव के समीप सामने से आ रही अनियंत्रित बाइक से उसकी बाइक की टक्कर हो गई। दुर्घटना में अखिलेश्वर प्रसाद गम्भीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोगों ने उन्हें अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टर ने देखते ही उसे मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही दरौंदा पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई। बाद में शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। पुलिस ने दोनों बाइक को जब्त कर लिया है। दुर्घटना में अनियंत्रित बाइक चलाने वाले सारण जिले के जनता बाजार थाने के भटवलिया निवासी लालबहादुर राम के पुत्र दिलीप राम को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
- परिजनों के चीत्कार से गमगीन हो गया माहौल
- महिलाएं सांत्वना देने व ढांढस बंधाने में जुटी थीं
- डॉक्टर ने जवान को देखते मृत घोषित कर दिया
- 03 वर्ष के बेटे ने दी मुखाग्नि, लोग हुए भावुक
भगवानपुर हाट थाना क्षेत्र के मिरजुमला पंचायत के गोइयानार गांव में मंगलवार की रात आर्मी के हवलदार का शव पहुंचने पर कोहराम मच गया। मृतक हवलदार गांव के स्वर्गीय राघो प्रसाद सिंह के पुत्र अखिलेश प्रसाद सिंह था। ग्रामीणों ने बताया कि संयोगवश उस रास्ते से आ रहे मिरजुमला के सरपंच देवंती देवी के पति पृथ्वीनाथ साह, बीडीसी सदस्य सुगेन कुमार, हरिकिशोर चौधरी ने आसपास के लोगों के सहयोग से तत्काल इलाज के लिए महाराजगंज अनुमंडलीय अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने देखते ही मृत घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम के बाद शव पहुंचने पर मंगलवार की रात से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है। बुधवार की सुबह होते ही मृतक के दरवाजे पर लोगों की भीड़ लग गई। मृतक की पत्नी किरण देवी, मां रामकली कुंवर व अन्य परिजनों के चीत्कार से माहौल गमगीन हो गया था। आसपास की महिलाएं उन्हें सांत्वना देने व ढांढस बंधाने में जुटी थीं। मौके पर पैक्स अध्यक्ष बबन तिवारी, पूर्व बीडीसी उमेश सिंह व अन्य लोग थे।
सेना के जवानों ने उसके घर पहुंचकर दी सलामी
मृतक सेना के हवलदार अखिलेश प्रसाद के शव का पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। घटना की सूचना मिलने पर दानापुर से आए नायक सूबेदार जयशंकर सिंह, सिपाही सुनील संजय सरदार, विष्णु भाई, आदित्य सरदार व राहुल भाई ने सेना के प्रोटोकॉल के तहत तिरंगा ओढ़ाया, पुष्पगुच्छ अर्पित किया और सलामी दी। इन जवानों ने शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाते समय अर्थी को कंधा दिया। जवान पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में आर्मी के सिग्नल कोर में हवलदार के पद पर कार्यरत था। प्रोमोशन मिलने पर दो सितंबर को छुट्टी पर घर आया था। प्रमोशन होने पर जवान को गोवा जाना था। लेकिन क्या पता था कि प्रोमोशन मिलने पर घर आने के बाद वह कभी देश की सेवा के लिए नहीं रह पाएगा।
तीन वर्षीय पुत्र ने पिता को दी मुखाग्नि दी, तो लोग हुए भावुक
शादी के लंबे दिनों(करीब 18-20 वर्षों) बाद काफी मन्नतें मांगने पर जवान को पुत्र की प्राप्ति हुई थी। अभी उसका पुत्र कान्हा मात्र तीन वर्ष का है, तभी उसके सिर से पिता का साया उठ गया। दरवाजे पर आए लोग इसकी चर्चा कर रहे थे। जब मृतक जवान का तीन वर्षीय पुत्र कान्हा ने चचेरे भाई सुमित कुमार की गोद में पिता को मुखाग्नि दी, तो लोग भावुक हो गए। वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं। उसके बच्चे को इसका भान भी नहीं था कि वह पिता को मुखाग्नि दे रहा है। मृतक का परिवार के कई लोग आर्मी से जुड़े रहे हैं। उसके पिता स्वर्गीय राघो प्रसाद सिंह, चाचा ललन सिंह और बड़े भाई कामेश्वर प्रसाद सिंह भी आर्मी में कार्यरत थे।