परवेज अख्तर/सिवान: जिले के महाराजगंज प्रखंड के इंदौली गांव में राजकीय प्राथमिक विद्यालय परिसर में शनिवार को बरगद का पेड़ गिर गया। पेड़ के गिरने से पूर्व स्कूल में प्रार्थना के लिए बच्चों की कतार लग रही थी। स्कूल के नजदीक बिजली का खंभा बच्चों के लिए रक्षक बन गया। वरना पेड़ गिरने से बड़ा हादसा हो सकता था। स्कूल की प्रधान शिक्षिका कंचन कुमारी व शिक्षक संतोष कुमार ने बताया कि सुबह नौ बजे स्कूल खुलने के बाद प्रार्थना की तैयारी चल रही थी। बच्चों को कतार में लगाया जा रहा था। तभी बरगद का पेड़ गिर पड़ा। पेड़ गिरने से पूर्व कुछ पल के लिए बिजली के खंभे पर अड़ गया। पेड़ के बिजली के खंभे पर अड़ने से स्पार्क होने लगा। स्पार्क की आवाज सुनकर सबकी नजर उस ओर पड़ी। पेड़ बिजली के खंभे पर अड़ा था जिससे स्पार्क हो रहा था। जिसे देखने के बाद बच्चे भागने लगे। स्कूल के शिक्षक भी सुरक्षित एरिया में चले गए। जिसके बाद पेड़ भरभरा कर गिर गया। जिससे बड़ी घटना होने से बच गई। बताया कि बिजली का खंभा नहीं रहता तो बड़ा हादसा हो सकता था। पेड़ गिरने की सूचना पर स्कूल पहुंची पूर्व संकुल समन्वयक कुमुद कुमारी ने बताया कि स्कूल में वर्ग एक से पांच तक पढ़ाई होती है। भवन जर्जर होने से पेड़ के नीचे बैठकर बच्चे पढ़ते हैं। वहीं प्रधान शिक्षिका ने बताया कि स्कूल भवन वर्षों से जर्जर है। जिसके चलते बरगद के पेड़ की छाया में क्लास लगता था। जिसकी लिखित सूचना कई बार विभाग को दी गई है। बावजूद अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ।
पेड़ गिरने की सूचना पर स्कूल की ओर दौड़े अभिभावक
इंदौली के राजकीय प्राथमिक विद्यालय परिसर में पेड़ गिरने की सूचना पर अभिभावक हताश निराश स्कूल की ओर दौड़ पड़े। अभिभावकों को अपने बच्चों के सुरक्षा का भय सता रहा था। स्कूल पहुंचने पर बच्चों को सुरक्षित देखकर तसल्ली हुई। इसके बाद अभिभावकों ने भगवान का शुक्र मनाया। शशिकांत तिवारी, पिंटू कुमार सिंह, अक्षयलाल महतो, संजय महतो, जयप्रकाश यादव, अनिल महतो, शंकर सिंह, मनोज यादव, अनवरी खातून, चिंता देवी, अनिता देवी, सुनीता देवी, मुन्नी देवी, सोनी देवी, माला देवी, मुकेश सिंह, दिलीप कुमार, सुभाष प्रसाद व उमेश प्रसाद ने बताया कि सरकार कह रही है कि अपने बच्चों को स्कूल भेजिए। लेकिन स्कूल के पास न भवन है न बेंच न बिजली और नहीं पानी। छाती पर पत्थर रखकर जर्जर भवन वाले स्कूल में हमलोग अपने बच्चों को पढ़ने के लिए भेजते हैं। शुक्र है कि आज कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। वरना सरकार के पास कोई जवाब नहीं होता। सरकार दो मंजिला भवन बनवा रही है। इस स्कूल का भवन वर्षों से जर्जर है। लेकिन, कोई पूछने वाला नहीं है।