- शांतिपूर्ण तरीके से न्याय की मांग करने वालों के खिलाफ एफआईआर
- पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने से पहले ही सड़क दुर्घटना की आशंका जाहिर
परवेज अख्तर/सिवान: राजनीतिक रूप से प्रेरित जिले की पुलिस लोकतंत्र की हत्या कर रही है। जनता की आवाज दबाना चाहती है। उक्त बातें पुरानी किला शुक्ला टोली में बुधवार को भाकपा माले के तत्वाधान में आयोजिक एक बैठक के दौरान जीरादेई के विधायक अमरजीत कुशवाहा ने कही। कहा कि पिछले दिनों शहर निवासी साहिल व शहबल को न्याय दिलाने की मांग करने वालों के खिलाफ एफआईआर करने से पुलिस की मानसिकता का पता चलता है। इतना ही नहीं न्याय करने वालों में से एक नेमत खां को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। इस तरह की व्यवस्था नहीं चलेगी। पंचायत चुनाव के दौरान हर रोज कोविड नियमों का उलंघन किया जा रहा है बावजूद इसके उन प्रत्याशियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं किया जा रहा है जबकि शांतिपूर्ण तरीके से न्याय की मांग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें जेल भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि मीडिया के माध्यम से पता चला है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने से पहले ही जिले के एसपी अभिनव कुमार ने साहिल और शहबल की सड़क दुर्घटना में मौत होने की आशंका जाहिर कर दी थी। जबकि बरामद बाइक पर कहीं भी एक खंरोच का निशान नहीं है। परिजनों ने भी थाने में हत्या का एफआईआर दर्ज करायी है। वहीं एफआईआर में फंसे निर्दोष लोगों को न्याय दिलाने को लेकर वरीय पदाधिकारियों से बात की जाएगी। इस बैठक में सनाउल्लाह खान, एजाज, सन्नी, शिब्बू, सोनू, विक्की, राजा, अमित, विकास यादव, राजू यादव व जीशू अंसारी उपस्थित थे।
एफआईआर वापस नहीं हुआ तो होगा आंदोलन
माले नेता जयशंकर पंडित ने कहा कि 12 सितम्बर को शहर के ही पकड़ी मोड़ पर रोड जाम और आगजनी किया गया था। पुलिस उन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की और साहिल और सहबल के हत्यारों को गिरफ्तारी के लिए आंदोलन करने वाले नौजवानों पर आचार संहिता और कोविड गाइडलाइन का पालन नहीं करने के मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। यदि नौजवानों के खिलाफ किया गया फर्जी मुकदमा वापस नहीं होता है तो आंदोलन किया जाएगा।