- आगे कीट का प्रकोप हो सकता है, इससे किसान इंकार नहीं कर रहे लेकिन, अभी जिले में धान की फसल बहुत ही बढ़िया है
- किसानों का मन में उठ रही हर्ष और उमंग की तरंग
- 35 फीसदी फसल से बालियां भी निकल चुकी है
परवेज अख्तर/सिवान: मौसम अनुकूल होने से धान की बालियों का तेजी से निकलने का सिलसिला शुरू हो चुका है। अब तक 35 फीसदी धान की फसल से बालियां कोपल से बाहर निकल चुकी हैं। अगले एक सप्ताह में 80 फीसदी तक बालियां निकल चुकी होंगी। लंबी और स्वस्थ्य बालियों के निकलते देख जिले के किसानों में खुशहाली छाने लगी है। किसानों को इस साल धान की फसल से रिकार्ड पैदावार की उम्मीद है। किसानों का कहना है कि इस तरह का सदाबाहर मौसम पिछले 5 दशक में भी नहीं देखने को मिला है। परशुरामपुर गांव के किसान और पेशे से शिक्षक शंभुनाथ राय ने कहा कि उन्होंने अपने जीवनकाल में इतना अच्छा मौसम इस सीजन में तो कभी नहीं देखा है। बताया कि फसल जिस तरह से आबाद दिख रहे हैं उम्मीद की जा रही है कि इस साल रिकार्ड पैदावार भी होगा। बताया कि रविवार को मैंने अपने गांव के सभी दिशाओं में धान की लगी फसल को देखा, इनपर कहीं पर भी कीट-पतंगों का प्रकोप नहीं दिखा। किसान सलाहकार नवीन पांडेय ने कहा कि आगे प्रकोप हो सकता है, इससे हम इंकार नहीं कर सकते। लेकिन, अभी जिले में धान की फसल बहुत ही बढ़िया है.
खैरा रोग को मात देकर फसल को बेहतर किया
इस साल धान की फसल में जैसे ही खैरा रोग के लक्षण दिखाई दिया, किसानों ने कृषि समन्वयकों, किसान सलाहकारों और खाद-बीज विक्रेताओं की सलाह पर तुरंत ही जिंक सल्फेट का प्रयोग करके इसपर पूरी तरह से निजात पा लिया। जिससे धान की लहलहाती फसल चौपट होने से बच गई। हालांकि, जिन किसानों ने इसमें कोताही बरती उनकी फसल पर इसका प्रभाव जरूर दिखा। ऐसे कुछ ही किसान हैं, जिन्होंने समय पर जिंक सल्फेट का प्रयोग नहीं किया। पछात से रोपी गई धान की फसल पर तो खैरा रोग का कुछ अधिक ही प्रभाव दिखा है।
कीट-पतंगों पर नियंत्रण दवा से ही है संभव
धान की फसल में पानी लगे होने व तापमान बढ़ने से इसमें कीटों का भी प्रकोप बढ़ जाता है। धान की फसल में हरा, भूरा व सफेद पीठ वाले फुदका और पत्ती लपेटक कीट ज्यादातर दिखते हैं। इनपर हाइड्रोक्लोराइड 4 जी दवा का इस्तेमाल करके नियंत्रण पाया जा सकता है। जिले में इस तरह की स्थिति बनी जरूर थी। लेकिन, कीट-पतंगों के प्रकोप नहीं होने से किसानों को राहत है। सोमवार की दोपहर में तेज हवा के साथ जमकर बारिश हुई। किसानों का कहना है कि इस बारिश से कोई विशेष फायदा नहीं है। लेकिन, पछात में रोपी गई फसल के लिए बेहतर है।