- वीडियो कालिंग के सहारे दे रहे दस्तक
- सोशल मीडिया बना प्रचार का साधन
परवेज अख्तर/सिवान: पंचायत चुनाव को लेकर नामांकन समाप्त हो गया है। डिजिटल इंडिया में प्रचार का तरीका भी डिजिटल रूप में होने लगा है। कोरोना के दौरान सोशल मीडिया का बढ़ा प्रभाव अब चुनाव में मददगार साबित हो रहा है। कम पढ़े लिखे प्रत्याशी भी स्मार्ट फोन का उपयोग करने लगे हैं। स्मार्ट फोन चुनाव के दौरान उनके लिए मददगार साबित हो रहा है। अब मतदाताओं से डिजिटल रूप में संपर्क करने पर जोर दिया जा रहा है। पंचायत में सोशल मीडिया जनसंपर्क और प्रचार का बड़ा साधन है।
अधिकांश वार्ड और मुखिया के प्रत्याशी ने अपना वाट्सअप ग्रुप बना लिया है। जनसंपर्क को फेसबुक से लाइव कर रहे हैं। चुनाव जीतने के बाद किये जाने वाले विकास को लेकर भी अपना दावा सोशल मीडिया पर ही कर रहे हैं। प्रत्याशी वाट्सअप और अन्य ऐप की मदद से डायरेक्ट वीडियो काल कर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। इससे मतदाता भी प्रत्याशी के डिजिटल रूप में आने से खुश हैं। सोशल मीडिया पर चुनाव प्रचार को चुनाव खर्च में नहीं आने की उम्मीद प्रत्याशियों को है। ऐसे में इसके सहारे जमकर चुनाव प्रचार कर अपनी चुनावी नैया को पार कराने में जुट गये हैं।