पटना: पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन को लेकर पटना हाईकोर्ट ने रेलवे को कड़ी फटकार लगाईं है। स्टेशन तक पहुँचने के लिए रास्ता नहीं होने के कारण यात्रियों को हो रही परेशानी को लेकर पाटलिपुत्र रेल स्टेशन को सभी दिशाओं से जोड़ने वाली सड़कों के निर्माण के मामले पर पटना हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी किया है। कोर्ट ने कहा है कि यदि रेलवे यात्रियों के लिए सुविधाएं मुहैया नहीं करा सकता, तो इसे बंद करना ही ठीक होगा। गौरतलब है कि यह स्टेशन उत्तर बिहार के यात्रियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
भरत प्रसाद सिंह की लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने रेलवे को नए सिरे से हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि जब स्टेशन रेलवे ने बनाया हैं, तो उसे जोड़ने वाली सड़क बनाने की जिम्मेदारी भी उसी की है. राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार सड़क के निर्माण के लिए अपने हिस्से की राशि देने को तैयार है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि उक्त रेलवे स्टेशन से जुड़े निर्माण का जिम्मा रेलवे को ही लेना होगा। कोर्ट ने कहा कि यदि रेलवे प्रशासन सड़क निर्माण लागत में राशि शेयर करने को लेकर सहमत नहीं होता है, तो हाई कोर्ट पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन को बंद करने का आदेश दे सकता है। अदालत ने कहा कि रेलवे को ही लागत का सौ फीसद खर्च उठाना चाहिए, क्योंकि पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन की जिम्मेदारी रेलवे की हैं. इस मामले पर अगली सुनवाई 27 अक्टूबर को होगी।