- खैरा और हल्दिया रोग का एक साथ प्रभाव दिखने से किसान परेशान
- सितंबर महीने में भी आगत किस्म की फसल में लग गया था खैरा रोग
परवेज अख्तर/सिवान: जिले के रघुनाथपुर प्रखंड में धान की फसल में खैरा और हल्दिया रोग लगने से किसान चिंतित हो उठे हैं। धान की फसल बेहतर होने व गुणवत्तापूर्ण बालियों के निकलने से किसान काफी खुश दिख रहे थे। इसी बीच पहली अक्टूबर से लगातार तीन दिनों तक हुई भारी बारिश से किसानों के खुशहाल चेहरे को मुरझाकर रख दिया है। किसानों का कहना है कि बारिश की वजह से उनकी सब्जी की फसल तो बर्बाद हुई ही, धान की फसल भी बर्बादी के कगार पर पहुंच गयी हैं। धान की लेट वेराइटी सोना मंसूरी और अन्य वेराइटी की फसल में खैरा रोग का असर दिख रहा है। यह रोग ऐसे समय में दिख रहा है जब इनमें रेंड़ा बन गया है और कुछ ही दिनों में बालियां निकलने वाली है।
जबकि आगत किस्म की धान की फसल में हल्दिया रोग दिखने लगा है। इस रोग के बारे में किसानों का कहना है कि जब हथिया नक्षत्र की बारिश जिले में हो रही थी तो धान की फसल में बालियां निकल चुकी थीं और बालियों में दाने लग रहे थे। अब बारिश तो नहीं हो रही है। लेकिन, हथिया नक्षत्र की बारिश का दुष्परिणाम दिखने को मिल रहा है। पिछले साल भी धान में बालियों में दाना बनने के दौरान बारिश होने से हल्दिया रोग लग गया था। इससे किसानों को काफी नुकसान हुआ था। एक माह पहले ही सितंबर महीने में आगत किस्म की फसल में खैरा रोग लग गया था। जिसपर बड़ी मुश्किल से किसानों ने पाया था काबू।