- वेंटीलेटर, सीटी-स्कैन और ऑक्सीजन प्लांट की सुविधाओं से लैस हुआ अस्पताल
- कोरोना मुक्त समाज की परिकल्पना को साकार कर रहें चिकित्साकर्मी
- अन्य स्वास्थ्य सेवाओं की सुविधा हो रही सुदृढ़
छपरा: सबसे बड़ी चुनौतियां ही भविष्य में बदलाव की नींव रखती है। इसकी सीख हमेशा याद रखनीचाहिए। जिस महामारी को लोग बुरा वक्त मानकर भुलाना चाहते हैं, उसी दौर ने हमें यह तजुर्बा भी दिया कि जिंदगी की वास्तविक जरूरतें कितनी कम है। चुनौतीपूर्ण वर्षों की फेहरिस्त में 2020 को दर्ज जरूर किया जाएगा। यही साल था जब दुनिया का सामना कोविड-19 महामारी से हुआ। इस साल को हम मानवता व इच्छाशक्ति से जीतने वाला साल भी मानते है। इस कोरोना काल में सबसे बड़ा योगदान चिकित्सा जगत की रही।
चिकित्सकों और कर्मियों ने दिन रात अपनी जान की पारवाह किये बगैर मरीजों की सेवा की। सीमित संसाधानों में चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा। इस कोरोना काल में चिकित्सकों को काफी सीख मिली। चिकित्सकों ने अपने ड्यूटी के अलावें कई जिम्मेदारियों को भी बख़ूबी निभाया । सीमित संसाधानों के बावजूद मरीजों को बेहतर सेवा देने का एक दबाव भी रहा। लेकिन महामारी के इस चुनौती सदर अस्पताल की तस्वीर को हीं बदल दी। सदर अस्पताल में अब पहले से काफी सुविधा बहाल हो चुकी है।जो विपरीत हालातों से लड़ने में आगे भी काफ़ी कारगर साबित होगी.
ऑक्सीजन प्लांट, आरटीपीसीआर और वेंटिलेटर जैसी आवश्यक सुविधा से लैस हुआ अस्पताल:
कोरोना की दूसरी लहर की चुनौतियों की चर्चा करते हुए सिविल सर्जन डॉ. जेपी सुकुमार ने कहा कि पहली लहर के बाद दूसरी लहर काफी खतरनाक रही। इस दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। लेकिन सीमित संसाधानों के बावजूद चिकित्साकर्मियों ने अपने कर्तव्यों का बखूबी निवर्हन किया। सबसे बड़ी समस्या ऑक्सीजन के लिए हुई थी। लेकिन सारण में चुनौतियों के बावजूद ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दिया गया। अब इन चुनौतियों को दूबारा सामना नहीं करना पड़े इसको लेकर विभाग पूरी तरह से तैयार है। अब सदर अस्पताल में आरटीपीसीआर, ऑक्सीजन प्लांट, ट्रूनेट जांच की सुविधा, सिटी-स्कैन, वेंटीलेटर जैसी आवश्यक सुविधाओं शुरू हो चुकी है।
चुनौतियों को मात देकर अन्य स्वास्थ्य सेवाओं बेहतर बनाने का प्रयास:
कोरोना की चुनौतियों को मात देकर स्वास्थ्य विभाग अब नया आयाम गढ़ रहा है। कोरोना संक्रमण के खत्म होने के बाद अन्य आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है। इन चुनौतियों के बीच आरएमएनसीएच की सेवाओं को भी सुनिश्चित किया जा रहा है। संस्थागत प्रसव, शिशु स्वास्थ्य, परिवार नियोजन की सेवाओं को बेहतर तरीके से उपलब्ध कराया जा रहा है। स्वस्थ समाज की परिकल्पना को साकार किया जा रहा है। अब चिकित्सक अन्य स्वास्थ्य सेवाओ को बेहतर तरीके से उपलब्ध कराने के लिए सक्षम हो चुके हैं। कोरोना काल में कई नयी सीख भी मिली है।
मरीजों ने कहा- पहले से बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं
सदर अस्पताल के ओपीडी में इलाज कराने आये ब्रहम्पुर निवासी शत्रुधन साह ने कहा कि कोरोना के बाद सदर अस्पताल में काफी सुविधाएं बढ़ी है। चिकित्सकों ने लगातार मरीजों की सेवा की है। सभी चिकित्सकों का योगदान काफी महत्वपूर्ण है। आम जनता से भी अपील है कि जो भी सरकार की नियम है उसका पालन करें।
वहीं डोरीगंज से सदर अस्पताल में आयी सीमा देवी ने कहा कि कोरोना मुक्त समाज के निर्माण विभाग का प्रयास सराहनीय है। अब तक कई नयी सुविधाएं शुरू की गयी है। दूसरी लहर में आम जनता को जो परेशानी हुई है अब शायद उन चुनौतियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। क्योंकि स्वास्थ्य विभाग ने सुविधाओं का विस्तार किया है।
सदर अस्पताल में बढ़ी ये सुविधाएं:
- ऑक्सजीन प्लांट
- आरटीपीसीआर जांच की सुविधा
- सिटी-स्कैन
- डायलिसिस की सुविधा
- ट्रूनेट से कोविड जांच
- वेंटीलेटर की सुविधा