- सेल्फी लेने में मशगूल दिखे युवाओं की टोली
- गांव के काली अस्थान के समीप छठ घाट को सजाया गया था दुल्हन की तरह
✍️परवेज अख्तर/एडिटर इन चीफ:
2020 के कोरोना काल से उभरने के बाद 2021 में मनाई गई लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा के दरमियान युवाओं में काफी खुशी का माहौल देखा गया।सभी युवा वर्ग काफी उत्साहित नजर आए।पूजा के दौरान छठ घाटों पर श्रद्धालु भक्तगणों ने सरकार द्वारा जारी कोरोना प्रोटोकॉल का अनुपालन भी किया।
इसी कड़ी में सिवान जिले के जी.बी.नगर थाना क्षेत्र के दीनदयालपुर गांव स्थित काली अस्थान के समीप पर्व को मनाने के लिए ग्रामीणों द्वारा छठ घाट को आकर्षक ढंग से यानी दुल्हन की तरह सजाया गया था, विभिन्न प्रकार के लगी हुई लाइटों यानी बल्ब से छठ घाट की शोभा और बढ़ाते जा रही थी।छठ घाट पर मौजूद युवाओं की टोली जो हर्षोल्लास के साथ सेल्फी लेने में मशगूल दिखी,इस वर्ष के छठ पर्व में कहीं महिलाओं से अधिक युवा वर्ग में उत्साह देखने को मिला।
दीनदयालपुर के ग्रामीणों में क्रमशः मनंजय गोस्वामी,नकुल कुमार गुप्ता,प्रदीप कुमार यादव,रंजन चौधरी,राजू चौधरी, सोनू चौधरी,साहिल गुप्ता,अभिषेक गुप्ता तथा मंटू केसरी आदि ने बताया कि यहां छठ पर्व के मौके पर प्रत्येक वर्ष श्रद्धालु भक्तगण इकट्ठा होते हैं तथा छठी मैया से सभी श्रद्धालु भक्तगण अपनी अपनी मुरादे मांगते हैं लेकिन विगत वर्ष कोरोना काल के मद्देनजर हम सभी लोग हर्षोल्लास के साथ छठ पर्व को नहीं मना सके लेकिन इस वर्ष 2021 में हम सभी ग्रामीण व श्रद्धालु भक्तगण कोरोना प्रोटोकॉल के तहत खूब हर्षोल्लास के साथ पर्व को मनाए हैं।यहां बताते चलें की सिवान सहित आसपास के इलाकों में बुधवार को छठ महापर्व का मुख्य त्योहार मनाया गया।
चार दिनों तक चलने वाला छठ पर्व में श्रद्धालु भक्तगण बुधवार की शाम डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिए और छठी मैया की पूजा आराधना की।हिंदू पंचांग के अनुसार छठ पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। छठ पर्व मुख्य रूप से उत्तर भारत के राज्यों में मनाया जाने वाला त्योहार है।इसे खासतौर पर बिहार, झारखंड और पूर्वी भारत में बहुत ही उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है।छठ के त्योहार को सू्र्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है।छठ के पर्व में उगते हुए और डूबते हुए सूर्य दोनों को अर्घ्य दिया जाता है।