- जिले में कई परिवार ऐसे भी परिवार हैं, जो अबतक वैक्सीनेशन का सही अर्थ ही नहीं समझ सके हैं
- कई परिवारों को समझा बुझाकर वैक्सीन का डोज दिया गया है
- वैक्सीनेशन से होने वाले लाभ के बारे में विस्तार से बताया गया
- 60- 70 परिवार वैक्सीन लेने को लेकर कर चुके हैं आनाकानी
- 10 माह से हो रहे वैक्सीनेशन के दौरान भी खुद को अलग रखा
परवेज अख्तर/सिवान: वैश्विक महामारी कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए जिले में 16 जनवरी से 18 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के लाभार्थियों का वैक्सीनेशन कार्य किया जा रहा है। इस दिशा में लक्ष्य प्राप्ति को लेकर विभाग द्वारा सत्र स्थलों व घर-घर ढूंढकर लाभार्थियों को वैक्सीन का डोज दिया जा रहा है। बावजूद इसके जिले में कई परिवार ऐसे भी परिवार हैं, जो अबतक वैक्सीनेशन का सही अर्थ ही नहीं समझ सके हैं। दस महीने से लगातार हो रहे वैक्सीनेशन के दौरान भी खुद को इससे अलग रखे हैं और उनकी जिद है कि किसी भी दशा में वैक्सीन नहीं लेंगे। मिली जानकारी के अनुसार अब भी करीब 60 से 70 ऐसे परिवार हैं, जिनकी वैक्सीन का डोज लेने में अनाकानी सामने आयी है। गरीब हैं, वैक्सीन लेने से बीमार पड़ सकते हैं व अब वैक्सीन लेने व नहीं लेने से कोई अंतर नहीं पड़ता है, इस तरह का उनका तर्क है। जबकि कई बार स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों ने वैक्सीनेशन से होने वाले लाभ के बारे में उन्हें विस्तार से बताया है।
तीन दिन में तीन परिवार किए गए चिहिन्त
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार घर-घर दस्तक देकर लाभार्थियों की टीम 16 नवंबर से वैक्सीनेशन कार्य कर रही है। इस दौरान 19 नवंबर तक जिले में उन्हें तीन परिवार ऐसे मिले हैं जो वैक्सीन लेने से मना कर दिए हैं। बताया कि ऐसी पहली घटना नहीं है कई बार इसका सामना किया गया है। समाज व धर्म से जुड़े गुरुओं की मदद से उन्हें वैक्सीन का डोज दिया गया है।
क्या कहते हैं सिविल सर्जन
सिविल सर्जन यदुवंश कुमार शर्मा ने बताया कि जिले में करीब 60-70 परिवार ऐसे हैं जिन्होंने वैक्सीन लेने से मना किया हैं। हालांकि इसके पीछे उनका कई तरह का तर्क है। बावजूद कोशिश है कि वैक्सीनेशन का लक्ष्य शत प्रतिशत पूर्ण किया जाए।
वैक्सीनेशन से होने वाले फायदे
1. संभावित कोविड-19 के तीसरे संक्रमण से मिलेगा सुरक्षा घेरा
2. विदेश यात्रा व हवाई जहाज में बैठने के दौरान होगी सुगमता
3. वैक्सीनेशन वालों को संस्थान काम करने की इजाजत दे रही है