छपरा: राज्य सरकार ने मौलाना मजहरूल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति प्रो. कुद्दूस द्वारा तत्कालीन प्रभारी कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह पर कापियों की खरीद में हुए घोटाले के लगाए गए आरोप पर गंभीरता से संज्ञान लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमारने प्रो. कुद्दूस के पत्र पर संज्ञान लेते हुए उसे राजभवन यानी कुलाधिपति कार्यालय को अग्रसारित किया है, ताकि संबंधित कुलपति के ऊपर लगाए गए आरोपों की गंभीरता से जांच कराई जा सके। पत्र में कहा गया है कि चूंकि आरोप गंभीर प्रवृत्ति के हैं, इसीलिए इसकी जांच गंभीरता से होनी चाहिए।
राजभवन पहुंच कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति और नालंदा खुला विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति की नियुक्ति के संबंध में विचार-विमर्श किया। यह जानकारी राजभवन की ओर से जारी विज्ञप्ति में दी गई। हालांकि, माना जा रहा है कि भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के कुलपति प्रो. राजेंद्र प्रसाद और प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह पर लगाए गए आरोपों पर भी राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के बीच चर्चा हुई है। प्रो. राजेंद्र प्रसाद पर विशेष निगरानी यूनिट ने तो कई गंभीर धाराओं में मुकदमा भी दर्ज किया है।
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मुख्यमंत्री की पहल का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को जो पत्र लिखा है वह स्वागत योग्य है और सराहनीय भी। नीतीश कुमार की सरकार भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टालरेंस की नीति पर चलती है। यदि इस तरह के भ्रष्टाचार संबंधी मामले अन्य विश्वविद्यालयों में हैं तो उनकी भी जांच गंभीरता से होनी चाहिए। शिक्षा के मंदिर में भ्रष्टाचार का आरोप गंभीर विषय है। इसकी जांच कर दोषी चिह्नित किए जाएं और उनके विरुद्ध कार्रवाई हो।