पटना: बिहार के मोकामा से आरजेडी के विधायक अनंत सिंह को डबल मर्डर केस में पटना की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. इस मामले में कोर्ट ने अनंत सिंह समेत तीन आरोपियों को बरी कर दिया है. अभियोजन पक्ष अपना आरोप साबित करने में असफल रहा।
बाढ़ के डबल मर्डर कांड का है, जिसमें एक शख्स का अपहरण हुआ था. जमीन विवाद में सुलह को लेकर ये किडनैपिंग हुई थी, जिसमें पुलिस को शख्स का पता नहीं चल सका. उस वक़्त अनंत सिंह भागलपुर जेल में बंद थे. इस केस में एक दर्जन से ज्यादा लोग अभियुक्त बनाये गये थे. जिसमें बाहुबली विधायक अनंत सिंह का भी नाम था. हालांकि उस वक्त विधायक जेल में थे. दूसरी ओर अभियोजन पक्ष की तरफ से मामले में कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया जा सका, जिसकी वजह से आरजेडी विधायक को कोर्ट ने बरी कर दिया था।
बीते साल भी हत्या और अपहरण के एक मामले में अनंत सिंह बरी हुए थे. इस केस में अभियोजन पक्ष अपना आरोप साबित करने में असफल रहा, जिसके बाद कोर्ट ने सबूतों के अभाव में अनंत सिंह को बरी कर दिया गया था।
जानकारी के मुताबिक, पूरा मामला साल 2013 का है, जिसमें बेऊर थाना इलाके से एक शख्स का अपहरण हुआ था। जमीन विवाद में सुलह को लेकर ये किडनैपिंग हुई थी, जिसमें पुलिस को शख्स का पता नहीं चल सका। दूसरी ओर अभियोजन पक्ष की तरफ से मामले में कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया जा सका, जिसकी वजह से आरजेडी विधायक को कोर्ट ने बरी कर दिया था।
बीते साल, अनंत सिंह के पुश्तैनी मकान लदमा से पुलिस ने छापेमारी के दौरान एके-47 गन और एक हैंड ग्रेनेड बरामद किया था। इस मामले पिछले महीने अनंत सिंह का बयान एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने दर्ज किया था। अनंत सिंह ने अपने बयान में कहा कि मेरा पुश्तैनी घर नदवां में है।
मेरे पुश्तैनी घर की देखरेख (केयर टेकर) अनिल राम नहीं करता है और न ही उसे हम जानते हैं। मेरे पुश्तैनी घर से कुछ बरामद नहीं हुआ है। मैं पुश्तैनी घर पर नहीं रहता हूं। मैं 17-18 वर्ष से पटना स्थित सरकारी आवास में रहता हूं। मैं दो बार नदंवा गांव गया था, एक बेटी की शादी के लिए और एक बार भाई के श्राद्ध में। मैं निर्दोष हूं।