पटना: बिहार में शराबबंदी पूरी तरह से ढोंग है. बिहार के बड़े अधिकारी ही राज्य में शराब की डिलेवरी कराते हैं. शराब की होमडिलेवरी का सबसे बड़ा अड्डा राज्य के पुलिस थाने हैं. बिहार में नीतीश सरकार के शराबबंदी कानून को असफल बताते हुए ये कथित आरोप लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने लगाए हैं।
शुक्रवार को तेज प्रताप ने कहा कि शराबबंदी पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का कहना कि इससे सिर्फ गरीब लोग परेशान हो रहे हैं बिलकुल सही है. उन्होंने जीतन राम मांझी के बयान को सही बताते हुए कहा कि बिहार में शराबबंदी कानून बिल्कुल विफल है. हम सरकार से जानना चाहते हैं कि बिहार में शराब जिन बोर्डरों से आती है वहां बॉर्डर पर पुलिस क्यों नहीं चेक करती है।
जिस तरीके से बीते दिन पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बयान दिया था कि बिहार में अधिकारी रात को शराब पीते हैं उसको लेकर भी तेज प्रताप यादव ने कहा कि मांझी सही कह रहे हैं. 2016 से जो शराब बंदी कानून लागू है वह पूरी तरीके से बिहार में विफल है. तेजप्रताप यादव ने साफ तौर पर कहा है कि शराब तो थानों से बिकती है थानों से होम डिलीवरी होती है।
उन्होंने गोपालगंज सहित राज्य के कुछ अन्य हिस्सों में शराब को लेकर उजागर हुए मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि पूरे राज्य ने देखा कि किस तरह शराबबंदी विफल है. ऐसे कई मामले राज्य के अलग अलग हिस्सों में उजागर होते रहते हैं जिसमे शराबबंदी की विफलता उजागर हुई है।
इसके पूर्व शुक्रवार को ही जीतन राम मांझी ने मुजफ्फरपुर में एक बार फिर कहा कि शराबबंदी के कार्रवाई में भेदभाव किया जा रहा है. शराबबंदी से गरीबों को परेशानी हो रही है. वहीं रसूखदार लोगों पर पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती है. उन्होंने शराब से संबंधित मामलों में पुलिस की छापेमारी को भेदभावपूर्ण करार दिया. मांझी ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जिसमें पुलिस ने भेदभावपूर्ण तरीके से कार्रवाई की।