पटना: बिहार के कुख्यात वांटेड पप्पू देव की शनिवार रात पुलिस मुठभेड़ के दौरान हर्ट अटैक होने से मौत हो गई. पप्पू देव सन 2000 के दौर में बिहार और नेपाल का मोस्ट वांटेड हुआ करता था. सूत्रों के अनुसार शनिवार रात भी पप्पू देव अपने कुछ समर्थकों के साथ सहरसा के सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत सराही में एक जमीन की जबरन घेराबंदी कराने पहुंचा था. हालाँकि इसी दौरान पुलिस को इसकी भनक लगी और पुलिस ने छापेमारी कर दी।
पुलिस को पहुंचा देख पप्पू देव और उसके साथी वहां से भागने लगे लेकिन पुलिस ने तीन अपराधियों को वहां से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस बिहरा थाना क्षेत्र अंतर्गत पप्पू देव के घर पहुंची तथा वहां भी छापामारी की। इसी दौरान पुलिस को पता चला कि पप्पू देव पास के ही चिमनी भट्ठा के नजदीक एक मकान में सोया है।
पुलिस ने जब वहां छापेमारी की तो पप्पू देव वहां से भागने लगा. इस दौरान पप्पू समर्थकों के फायरिंगी करने की बात कही जा रही है. वहीं दीवार फांदकर भागने के क्रम में पप्पू देव को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. पुलिस हिरासत में रात करीब 2 बजे पप्पू देव के सीने में दर्द की शिकायत हुई. उसे सदर अस्पताल के आईसीयू में दाखिल कराया गया लेकिन बाद में हालत गंभीर होता देख वहां से रेफर कर दिया गया. सुबह करीब 4 बजे पप्पू को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. पुलिस को पप्पू देव के पास से एक ऑटोमेटिक रायफल, तीन पिस्टल, तीन कट्टा और बड़ी संख्या में गोलियां बरामद हुई हैं।
पुलिस ने उसे पकड़ लिया। हिरासत में लिए जाने के बाद उसने छाती में दर्द होने की शिकायत की तो देर रात उसे सदर अस्पताल की आईसीयू में भर्ती कराया गया। सुबह करीब 3:10 बजे चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए दूसरे संस्थान में ले जाने की बात कहते हुए उसे रेफर कर दिया। एंबुलेंस से दरभंगा मेडिकल कालेज एवं अस्पताल या पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ले जाने की तैयारियाेंके बीच करीब 4:00 बजे उसकी मौत हो गई।
पप्पू के समर्थकों का आरोप है कि पुलिस ने बेरहमी से पप्पू देव की पिटाई की जिस वजह से उनकी मौत हो गई. सोशल मीडिया पर पप्पू की कुछ तस्वीरें भी वायरल हो रही हैं जिसमें उसके शरीर के कई हिस्सों पर चोट के निशान दिख रहे हैं. समर्थकों का कहना है ये निशान पुलिस हिरासत में पप्पू देव की हुई बेहरमी से पिटाई के हैं।