छपरा: जिलाधिकारी सारण राजेश मीणा के द्वारा बताया गया कि इस वर्ष मकर संक्रान्ति का त्योहार 14 अथवा 15 जनवरी को मनाये जाने की संभावना है। इस त्योहार में काफी संख्या में लोग विभिन्न नदियों अथवा तालाबों में स्नान कर पूजा अर्चना करते है। इस कारण नदी घाटों पर आने वाले रास्ते में फुटपाथ पर दुकान लगाने के कारण श्रद्धालुओं के आवागमन में असुविधा होती है एवं मेला जैसा माहौल उत्पन्न हो जाता है। जो कोरोना संक्रमण में वृद्धि का एक कारण भी बन सकता है। अतएव आवश्यक है कि मकर संक्रान्ति का यह त्योहार कोरोना संक्रमण से संबंधित नया दिशा-निर्देशों का अनुपालन करते हुए मनाया जाय।
जिलाधिकारी के द्वारा बताया गया कि इस अवसर पर पतंगबाजी का आयोजन भी होता है। प्रायः ऐसा देखा जाता है कि लोग पतंगबाजी के लिए गंगा नदी के दूसरे किनारे नाव के माध्यम से आकर पतंगबाजी करते है ऐसे में नाव पलटने जैसी दूर्घटना आम बात होती है। पूर्व की दूर्घटना को ध्यान में रखते हुए सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में नावों के परिचालन को पूर्णतया बंद रखनें का निर्देश जिलाधिकारी महोदय के द्वारा दिया गया है। उन्होंने यह भी आदेश दिया गया है कि नदी टापू पर जाने वाले पर निगरानी रखी जाय एवं उन्हें सख्ती से खदेड़ा जाय।
जिलाधिकारी ने बताया कि कोविड संक्रमण में लगातार वृद्धि के कारण राज्य में कोविड से बचाव हेतु दिशा-निर्देश जारी किया जा चुका है जिसका अनुपालन शत-प्रतिशत कराने का निर्देश सभी अनुमंडल पदाधिकारी को दिया जा चुका है। साथ ही मेला, प्रदर्शनी आदि को प्रतिबंधित किया गया है। सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में गहरे, खतरनाक नदी घाटो पर बैरिकेडिंग करने का निर्देश दिया गया है। अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अपने स्तर से नदी घाटों, मंदिरों एवं अत्याधिक भीड़-भाड़ वाले स्थलों पर दण्डाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी, पुलिस बल, एस.डी.आर.एफ/एन.डी.आर.एफ की प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित करेंगे। जिलाधिकारी के द्वारा बताया गया कि जिला के सभी चिकित्सालयों में आकस्मिक स्थिति से निपटने हेतु आवश्यक व्यवस्था करने का निर्देश दे दिये गये है। आकस्मिक परिस्थिति से निपटने के लिए जिला अग्निशमन पदाधिकारी को भी एलर्ट रहनेे का निर्देश दिया गया है।