पटना: बिहार में विधान परिषद उप चुनाव में राजद ने कांग्रेस की सहमति के बिना ही उन जगहों के लिए नाम तय कर दिए जहां से कांग्रेस की दावेदारी है। यानी विधान परिषद चुनाव को लेकर भी कांग्रेस व राजद में बात नहीं बन पाई है। कांग्रेस का कहना है कि अभी तक राजद नेतृत्व से सिर्फ एक राउंड की ही बात हुई है। राजद सुप्रीमो ने जितना कहा था कांग्रेस उतनी ही सीट की मांग कर रही है। बिना सहमति के राजद की तरफ से उम्मीदवार देने को लेकर कांग्रेस नेतृत्व कहीं न कहीं नाराज है। बिहार में विप की 24 सीटों पर चुनाव होने हैं। 2015 में राजद-कांग्रेस व जेडीयू एक साथ थी। लिहाजा कांग्रेस समर्थित चार उम्मीदवार सहरसा, कटिहार, पूर्णिया और पश्चिमी चम्पारण से चुनाव लड़े थे।
लेकिन इस बार अभी तक कांग्रेस-राजद में समझौता नहीं हुआ है। लेकिन राजद की तरफ से पश्चिम चंपारण को लेकर कैंडिडेट का नाम फाइनल कर लिया गया है। राजद प.चंपारण से एक फर्नीचर कारोबारी सौऱभ कुमार को मैदान में उतार रहा है। राजद प्रदेश नेतृत्व ने साफ कर दिया है कि सौरभ कुमार ही पश्चिम चंपारण से राजद के कैंडिडेट होंगे। जबकि यह सीट 2015 के समझौते में कांग्रेस के खाते में गई थी। बिना कांग्रेस की सहमति के राजद की तरफ से उम्मीदवार देने पर कांग्रेस नेतृत्व सकते में है। वैसे कांग्रेस नेतृत्व कह रहा कि राजद का पुराना रवैया है। राजद की तरफ से सहयोगी दलों से समझौता किये बगैर उम्मीदवार देने की रीति है।
इधर बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि विधान परिषद चुनाव को लेकर सीटों पर अभी तक समझौता नहीं हुआ है। राजद नेताओं से एक राउंड की बात हुई है। हमने उतनी ही सीटों की मांग की है जितना लालू प्रसाद पहले कह चुके हैं। बिहार कांग्रेस अध्यक्ष ने साफ कहा कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा था कि कांग्रेस को 24 में से 6-7 सीटें दी जा सकती है। हमलोग राजद से बातचीत में इतनी सीटें ही मांगी है। लेकिन अभी तक सहयोगी दल राजद नेतृत्व की तरफ से हमारे प्रस्ताव पर कुछ भी नहीं कहा गया।
पश्चिम चंपारण से राजद समर्थित उम्मीदवार देने पर मदनमोहन झा ने कहा कि सभी बातों पर नजर है। वैसे पिछली दफे चंपारण सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार लड़े थे। राजद से समझौता होगा या नहीं ? इस पर मदनमोहन झा ने कहा कि आगे क्या होगा इस पर कांग्रेस आलाकमान निर्णय लेगा। अभी चुनाव की घोषणा भी नहीं हुई है । ऐसे में कोई जल्दीबाजी नहीं। वैसे उन्होंने कहा कि अभी एक राउंड की बात हुई है और आगे भी होगी। कोविड के चलते टेबल पर नहीं बल्कि फोन से ही बातचीत हुई है।
जानकार बताते हैं कि राजद किसी कीमत पर कांग्रेस के लिए 4 सीट से अधिक देने को तैयार नहीं। यही वजह है कि बिना समझौता किये हीं राजद धीरे-धीरे कैंडिडेट का नाम साफ कर रहा है। राजद की तरफ से कांग्रेस वाली सीट पश्चिम चंपारण से अपना प्रत्याशी देकर सहयोगी दल कांग्रेस को मैसेज दे दिया है। ऐसे में कांग्रेस के पास 4 सीटों पर ही समझौता करना होगा या फिर अकेले चुनाव लड़ने को तैयार रहना होगा।