- रघुनाथपुर में बारिश के साथ खूब पड़े मटर के बराबर के ओले, बारिश के दौरान हवाएं थीं तेज, आसमान में बिजली भी चमकी
- 05.49 एमएम जिले है बारिश का औसत
- 19.8 एमएम तक रघुनाथपुर में हुई बारिश
परवेज अख्तर/सिवान: जिले में एक बार फिर मौसम ने करवट ली है। मौसम के इस बदले मिजाज से किसानों को फायदा तो है, लेकिन बेमौसम बारिश से किसानों को नुकसान भी है। बुधवार की अहले सुबह करीब 4 बजे शुरू हुई बारिश 6 बजे तक जारी रही। इस दौरान जिले में औसतन 5.49 एमएम बारिश हुई। दोपहर में 3 बजे भी गरज के साथ रघुनाथपुर में जमकर बारिश हुई। इस दौरान हवाएं तो तेज थीं ही, बिजली भी खूब चकमीं। यहां तक की मटर के बराबर के ओले भी खूब पड़े। सुबह में हुई बारिश के आकड़े के अनुसार रघुनाथपुर प्रखंड में बारिश 19.8 एमएम रिकार्ड की गयी है। दोपहर की बारिश के करीब इतना ही होने का अनुमान लगाया जा रहा है। बेमौसम हुई इस बारिश से किसानों के प्याज के बिचड़े, आलू, सरसों, मसूर, चना, मटर और लहसुन आदि साग-सब्जियों के नुकसान होने का अनुमान है। यह बारिश गेहूं की फसल के लिए काफी फायदेमंद मानी जा रही है। हालांकि, चंवरी क्षेत्र के बहुतेरे किसानों को इस बारिश से नुकसान भी है। कई के खेत से अभी धान की फसल की कटनी ही नहीं हो सकी है तो कई किसान गेहूं की बुआई पूरी नहीं कर सके हैं। निखती खुर्द गांव के किसान बादशाह भगत ने बताया कि उनका प्याज का बिचड़ा पूरी तरह से पानी में डूब गया है। सुबह की बारिश का पानी किसी तरह से बिचड़ा से निकाला ही था कि दोपहर 3 बजे फिर से बारिश हो गयी। 2500 रूपये प्रति किलोग्राम की दर से उन्होंने उन्नत किस्म के प्याज का बीज खरीदकर बिचड़ा बनाने के लिए डाला था।
बारिश के बाद खाद के दुकानों पर दिखें किसान
सुबह की बारिश के बाद खाद की दुकानों पर किसानों की भीड़ दिखी। दुकानों से साइकिल और बाइक से यूरिया खरीदकर ले जा रहे किसानों ने बताया कि अभी 10 दिन बाद बारिश होती तो और अच्छा रहता। किसानों ने कहा कि जिस तरह से पिछले 24 घंटे के अंदर बारिश हुई है, इससे उम्मीद यहीं की जा रही है कि गेहूं की सिंचाई अब करनी ही नहीं पड़ेगी। अभी दिसंबर महीने में हुई बारिश से ही गेहूं के खेत में काफी नमी थी। अभी हुई बारिश से दलहनी और तेलहनी फसल को तो नुकसान होगा ही, साग-सब्जियों को भी इससे क्षति हो सकती है।
क्या कहते हैं अधिकारी
जिला कृषि पदाधिकारी जयराम पाल ने कहा कि यह बारिश गेहूं की फसल के लिए वरदान है। बेमौसम बारिश से कुछ नुकसान होना तो स्वभाविक ही है। लेकिन, किसानों को इससे फायदा ही फायदा है।