पटना: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सुप्रीमो सांसद चिराग पासवान सोमवार को शराब पीने से मौत के बाद परिजनों से मिलने बिहारशरीफ पहुंचे। यहां उन्होंने पीड़ित परिवार से मिल उनका ढांढस बंधाया। इस मौके पर उन्होंने सीधे-सीधे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए अगर आपसे बिहार नहीं संभाल रहा है तो बिहार में राष्ट्रपति शासन लगा दीजिए है। सीएम का सोच है कि जो पीयेगा वह मरेगा इस तरह की सोच तो हमारे मुख्यमंत्री रखते हैं आज उनके गृह जिला में यह घटना घटी है क्या यहां भी आकर मुख्यमंत्री यही बात बोलेंगे कि जो पीयेगा वह मरेगा। कोई पी इसलिए रहा है क्योंकि मुख्यमंत्री जी आप ही के गृह जिला में इसका निर्माण हो रहा है।
चिराग पासवान ने कहा कि जब शहरी इलाके में शराब बन रही है और बिक रही है तो सोचिए गांव की स्थिति क्या होगी। जहरीली शराब से मौत नहीं हत्या हैं। एक के बाद एक कई जिलों में ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। चंपारण से लेकर गोपालगंज मुजफ्फरपुर और अब तो उनके गृह जिला में यह नौबत आ गई है। कमाने खाने वाले बच्चे इसका शिकार हुए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके सिपहसालार एक बार भी पीड़ित परिजनों से मिलने तक नहीं आए हैं। महिलाओं ने यह कानून की मांग की थी। न कि उनके गांव मोहल्ले में शराब माफिया शराब बना कर लोगों को मौत के मुंह में ढकेल दें। आज तस्वीरें भी यहां का दिखा दीजिए किसी ने अपना पति तो किसी ने बेटा तो किसी का पोता इसका शिकार हुआ है। मुख्यमंत्री जी कहते हैं कि हत्याएं होगी तो हम रोजगार देंगे यह हत्या नहीं तो और क्या है।
हर एक ब्लॉक हर एक विधानसभा में ही नही हर एक पंचायत में शराब तस्करों ने पैरलल इकोनामी शासन प्रशासन के संरक्षण में खड़ी कर ली है। संभवत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संरक्षण में भी आप क्यों कहीं भी पीड़ित परिवार से मिलने नहीं पहुंच रहे हैं। आपके सहयोगी ही इस पर सवाल उठा रहा है। भाजपा ने ही सवाल उठाते हुए पूछा है कि आखिर क्यों आप पीड़ित परिवारों से मिलने नहीं जाते हैं। अस्पतालों में क्या व्यवस्था थी, किस तरह से उनका इलाज किया गया यह भली-भांति सब जानते हैं कि सरकारी अस्पतालों की स्थिति कैसी है।
चिराग पासवान ने कहा कि वह राज्यपाल से मांग करेंगे कि केंद्र सरकार को सिफारिश भेजें कि बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए क्योंकि कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है.
जहरीली शराब के शिकार हुए मृतक के परिजनों ने बोला कि अब सिर्फ और सिर्फ राजनीति हो रही है। सभी लोगों को घर से बुलाकर एक जगह इकट्ठा कर लिया गया और किसी भी प्रकार की मदद की बात नहीं कही गई। ऐसे वक्त में जब सभी लोग दुख और अपनों के खोने की पीड़ा झेल रहे हैं। ऐसे वक्त में नेता सिर्फ अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने पहुंच रहे हैं।