छपरा: मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए प्रसव पूर्व जांच करें सुनिश्चित

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  • स्वास्थ्य संस्थानों में विशेष शिविर लगाकर गर्भवती महिलाओं की हुई जांच
  • जटिल प्रसव वाली महिलाओं की हुई पहचान
  • प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत शिविर का आयोजन

छपरा: मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने तथा गर्भवती माताओं को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने का प्रयास स्वास्थ्य विभाग के द्वारा किया जा रहा है। मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए नियमित रूप से गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व जांच कराना आवश्यक है। इसे सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत स्वास्थ्य संस्थानों में विशेष शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान होने वाले खतरों की पहचान कर उन्हें स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई गईं। कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को परिवार नियोजन के बारे में जागरूक किया गया।

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शिविर के दौरान स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचने वाली महिलाओं की हीमोग्लोबिन की जांच, सुगर के स्तर की जांच, ब्लड प्रेशर, वजन व अन्य सामान्य जांच की गई। गर्भवती महिलाएं, आर्थिक रूप कमजोर तबकों की महिलाएं जो आम तौर पर कुपोषित होती हैं, उन्हें गर्भधारण के दौरान महत्वपूर्ण पोषक तत्व के बारे में बताया गया।

किसी भी सरकारी अस्पताल या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जाकर यह जांच करवा सकती हैं महिलाएं:

सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने कहा कि यदि गर्भवती महिलाओं की समय-समय पर निगरानी की जाए तो नवजात शिशुओं में आने वाले कई विकारों को दूर किया जा सकता है। गरीबी और जागरूकता नहीं होने से कमजोर तबके की ज्यादातर महिलाएं समय पर चिकित्सकीय सलाह और देखरेख का लाभ नहीं उठातीं। वह किसी भी सरकारी अस्पताल या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जाकर यह जांच करवा सकती हैं। उन्होंने बताया कि विशेष जांच शिविर में आने वाली प्रत्येक गर्भवती महिलाओं को कोविड टीकाकरण के बारे में जानकारी दी गयी। उन्हें इस बात की भी जानकारी दी गयी कि अब गर्भवती महिलाओं को भी टीका लगाया जा रहा है। कहा कि सभी को कोरोना के प्रति सतर्क रहना होगा। शारीरिक दूरी का पालन करना चाहिए। घर से बाहर निकलने पर मास्क अवश्य लगाएं।

आशा कार्यकर्ताओं को दी जायेगी प्रोत्साहन राशि:

इस शिविर में आने वाली गर्भवती महिलाओं की जांच कर हाई रिस्क प्रेग्नेंसी श्रेणी में आने वाली महिलाओं की पहचान की गयी। हाई रिस्क श्रेणी में आने वाली सभी गर्भवती महिलाओं की तीन अतिरिक्त प्रसव पूर्व जांच करायी जायेगी और आने-जाने के लिए गर्भवती महिलाओं और संबंधित आशा को 100 रुपये प्रति विजिट के लिए प्रदान की जायेगी। सुरक्षित प्रसव की जिम्मेदारी आशा, एएनएम और संबंधित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की होगी। प्रसव के पश्चात 45 वे दिन आशा गृह भ्रमण कर जच्चा-बच्चा के स्वस्थ्य होने से संबंधित सूचना एएनएम के माध्यम से प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को देगी। इसके लिए आशा को 500 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जायेगी।

जटिल प्रसव वाली महिलाओं की होगी ट्रैकिंग:

जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीसी रमेशचंद्र कुमार न ने बताया कि स्वास्थ्य संस्थानों पर आयोजित शिविर में आने सभी गर्भवती माताओं की गुणवत्ता पूर्ण प्रसव पूर्व जांच की गयी। प्रसव पूर्व जांच के दौरान जटिल प्रसव वाली महिलाओं की ट्रैकिंग इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। ताकि मातृ-मृत्यु में कमी लायी जा सके। जटिल प्रसव वाली महिलाओं की पहचान कर पीएमएसएमए पोर्टल पर एंट्री की जायेगी।