पटना: बिहार में भ्रष्ट अफसरों पर राज्य सरकार की एजेंसियों के साथ ही केंद्रीय एजेंसियां भी शिकंजा कसने लगी हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पटना और जहानाबाद के तत्कालीन जिला परिवहन पदाधिकारी (डीटीओ) अजय ठाकुर के साथ मुजफ्फरपुर डीटीओ रजनीश लाल पर मनी लांड्रिंग मामले में शिकंजा कसा है। दोनों अफसरों के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद जांच प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। निगरानी ब्यूरो ने पिछले वर्ष मुजफ्फरपुर डीटीओ और पटना व जहानाबाद के तत्कालीन डीटीओ के यहां आय से अधिक संपत्ति मामले में छापा मारा था। ईडी ने निगरानी ब्यूरो की कार्रवाई को आधार बनाकर दोनों के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मुकदमा दर्ज किया है।
पिछले वर्ष नवंबर में विजिलेंस ब्यूरो ने अजय ठाकुर के अलग-अलग ठिकानों पर छापा मारा था। जहां से बड़ी अवैध कमाई बरामद की गई थी। ठाकुर के ठिकाने से कई शहरों में जमीन खरीद के दस्तावेज के साथ बैंक में जमा 90 लाख रुपये के साथ बीमा में 20 लाख निवेश के दस्तावेज बरामद हुए थे। इसके अलावा 25 लाख के जेवरात भी बरामद किए गए थे, जबकि मुजफ्फरपुर डीटीओ रजनीश लाल के ठिकानों पर जून पड़े छापे में ब्यूरो ने 51 लाख रुपये नकद के अलावा 60 लाख के सोने-चांदी के जेवरात बरामद किए थे। बाद में रजनीश लाल के एक बैंक लाकर से 20 लाख रुपये मूल्य के जेवरात बरामद किए गए थे।
प्रवर्तन निदेशालय ने निगरानी ब्यूरो की कार्रवाई को आधार बनाकर रजनीश लाल और अजय ठाकुर के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मुकदमा दर्ज किया है। इसके साथ ही दोनों की मुश्किलें बढ़ेंगी। सूत्रों ने बताया कि मुकदमा दर्ज करने के साथ प्रवर्तन निदेशालय ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ जांच में तेजी ला दी है।