पटना: गायघाट बालिका रक्षा गृह मामले में शुक्रवार की सुनवाई पूरी हो गई है। अधिवक्ता मीनू कुमारी के अनुसार कोर्ट की ओर से DSP रैंक के पदाधिकारी को इस मामले में जांच करने के आदेश दिए गए हैं। इस जाँच टीम में महिला पुलिसकर्मी को भी शामिल करने को कहा गया है। महिला विकास मंच के मध्यस्थ आवेदन की अनुमति दी गई है। सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से पीड़िता को अदालत के कक्ष में उपस्थित रहने और पीड़िता के बयान का वीडियोग्राफी करने को भी कहा गया है। जाँच में दोषी पाए जाने पर राज्य के अधिकारियों द्वारा कार्रवाई नहीं होने पर अदालत हस्तक्षेप करेगा।
ज्ञात हो कि महिला थाना न्यायालय के संज्ञान के बाद हरकत में आई। जिसमे दोनों पीड़ितों का बयान और एफआईआर दर्ज किया गया है। पीड़िता ने सीधा आरोप गायघाट महिला रक्षा गृह की अधीक्षका वंदना गुप्ता पर मारपीट, जबरन नशे का इंजेक्शन और बाहरी लड़को द्वारा गलत कार्य करवाने का संगीन आरोप लगाया है। हालांकि इस मामले में बिना जांच के ही बिहार समाज कल्याण द्वारा अधीक्षक पर लगे आरोपो को निराधार बताते हुए क्लीन चिट दे दिया गया था।
न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद जांच और FIR संभव हो पाया है। इस मामले में महिला विकास मंच पीड़िता के साथ पांच दिनों तक भटकती रही। लेकिन इनकी सुनने को कोई तैयार नही था। फिलहाल कोर्ट ने सुनवाई के बाद जाँच के आदेश दे दिए है। जांच के बाद ही स्पष्ट होगा की अधीक्षका वंदना गुप्ता इस मामले में दोषी है या फिर निर्दोष।