पटना: निवार को वाणिज्य कर विभाग, बिहार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए राज्य के अनेक ठेकेदारों द्वारा किये गए फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया। विभाग ने एक सिंडिकेट में शामिल अनेक ठेकेदारों का निरीक्षण किया जो फ़र्जी खरीद के आधार पर करोड़ों के राजस्व की अपवंचना में संलिप्त थे। इस सिंडिकेट का किंगपिन गया में अवस्थित था जिसने दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश के दो फर्मों से लगभग 72 करोड़ रुपये का फ़र्जी खरीद दिखा रखा था। विभागीय कार्रवाई में गया की यह फर्म अस्तित्वहीन तथा बोगस पायी गयी। गया के इस अस्तित्वहीन फर्म ने राज्य की लगभग 131 फर्मों को बिटुमिन, सीमेंट आदि की बिक्री दर्शा रखी है।
वाणिज्य कर आयुक्त सह सचिव के निर्देश पर गठित दलों के द्वारा दिनांक को गया में 3, पटना में 4, सुपौल 1 तथा बेगूसराय में 2 कुल दस स्थान पर ऐसे बड़े ठेकेदारों के विरुद्ध निरीक्षण की कार्रवाई की गई जिन्होंने गया की उक्त बोगस फर्म से करोड़ों की खरीद दर्शायी हुई थी। निरीक्षण के क्रम में पाया गया कि ऐसी 10 फर्मों ने गया की उक्त फ़र्जी फर्म से करीब रु० 48 करोड़ की कागज़ी खरीद दर्शा रखी थी। जांच के क्रम में पाया गया कि बिटुमिन की न तो वास्तविक आपूर्ति हुई और न ही किसी रकम का भुगतान हुआ।
जांच के क्रम में पटना की एक फर्म द्वारा कर एवं ब्याज कुल 52 लाख रुपये की पूरी रकम का कैश के द्वारा तत्काल भुगतान भी कर दिया गया जबकि एक फर्म द्वारा 20 लाख रुपये का आंशिक भुगतान किया गया। आयुक्त सह सचिव ने बताया कि इस सिंडिकेट में शामिल सभी ठेकेदारों के विरुद्ध विभाग द्वारा कठोर कार्रवाई की जाएगी और कर भुगतान नहींं किये जाने की स्थिति में अरेस्ट करने जैसे कदम भी उठाए जा सकते हैं।