पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने एक बार फिर से अपनी ही सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए हैं। मांझी ने कहा है कि नीतीश सरकार की बालू और शराब नीति से अपराध और अपराधियों का मनोबल राज्य में बढ़ता जा रहा है। सरकार को इसमें संशोधन करने की आवश्यकता है। मांझी ने कहा कि बालू और शराब की वजह से पूरा बिहार बर्बाद हो रहा है।
सासाराम के शहीद वीरेंद्र पासवान के पैतृक गांव शिवसागर प्रखंड के सोनडिहरा गांव में परिजनों से मिलने के बाद वापसी के क्रम में वे पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद वीरेंद्र पासवान अपनी बेटी की शादी की खरीददारी छोड़ कर ड्यूटी करते हुए शहीद हुए हैं। इस हत्याकांड में बालू तस्करों की संलिप्तता की भी जांच होनी चाहिए। शहीद के परिजन सीबीआइ जांच की मांग कर रहे हैं, लेकिन हमें अपने राजकीय पुलिस पर भी पूरा भरोसा है।
मांझी ने कहा कि इस मामले को लेकर वो मुख्यमंत्री से बात करेंगे। वीरेंद्र पासवान की साजिश के तहत हुई हत्या से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। मांझी ने कहा कि शहीद के शव का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाता है, लेकिन वीरेंद्र पासवान के अंतिम संस्कार से लेकर श्राद्ध तक डीएम व एसपी परिजन से मिलने तक नहीं गए। आज तक उनके परिवार को मुआवजे की राशि भी नहीं मिल पाई है जो की सबसे शर्मनाक है। वीरेंद्र पासवान को 12 वर्षों की सेवा काल में 41 मेडल मिले थे। ये साबित करता है की वे बहादुर व कर्तव्यनिष्ठ पुलिस कर्मी थे। वे अनुसूचित जाति से आते थे शायद यही वजह है कि पुलिस और प्रशासन उनके स्वजनों के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है। यही यदि अन्य जाति से होते तो भीड़ लगी होती।
अधिकारी जब शहीद का सम्मान नहीं कर पाए तो विधायक से शहीद द्वार बनवाने की अपेक्षा बेमानी है। स्थानीय सांसद छेदी पासवान शहीद के स्वजनों से मिलने भी गए थे। उनसे आग्रह है कि वे संसद निधि से शहीद के गांव के बाहर शहीद द्वार का निर्माण कराएं। यही शहीद के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।