पटना: देश के अलग-अलग राज्यों में लोकप्रिय क्षेत्रीय दलों के कई बड़े नेता भाजपा के खिलाफ कांग्रेस के नेतृत्व से हटकर अलग तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद में जुटे हैं। इस मोर्चे में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अलावा बिहार में लालू यादव और तेजस्वी यादव की अगुवाई वाला राजद भी शामिल हो सकता है। इस पूरी कवायद को भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने पूरी तरह बकवास बताया है। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास पहले भी विफल हुए हैं। तीसरे मोर्चे की सरकारों ने देश को और कमजोर बनाने का काम किया है।
सुशील मोदी ने कहा है कि ममता बनर्जी, चंद्रशेखर राव, उद्धव ठाकरे जैसे मुख्यमंत्रियों का प्रभाव केवल संबंधित राज्यों तक है। ऐसे लोगों की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा अचानक जगती है तो कोई फ्रंट बनाने निकल पड़ते हैं। देश की जनता वीपी सिंह, चंद्रशेखर, देवगौड़ा, गुजराल तक विपक्षी फ्रंट की कई कमजोर सरकारों का हश्र देख चुकी है और उन्हें सिरे से नकार चुकी है। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में है और विदेशी मुद्रा भंडार में रिकार्ड वृद्धि हुई।
दूसरी तरफ वह दिन याद है, जब चंद्रशेखर सरकार के समय देश को सोना लंदन में गिरवी रखना पड़ा था। ऐसे फ्रंट की कमजोर सरकारें नकारात्मकता से भरी होती हैं, इसलिए विकास और स्थिरता में बाधक ही साबित होती हैं। ममता बनर्जी यदि तेजस्वी यादव, अखिलेश यादव, केसीआर और उद्घव ठाकरे से हाथ मिला कर प्रधानमंत्री के लोकप्रिय नेतृत्व, केंद्र की मजबूत सरकार और समर्पित काडर वाली भाजपा को चुनौती देना चाहती हैं, तो वे कभी कामयाब नहीं होंगी।
तीन महीने से लगातार शीर्ष पर भारत : राजीव रंजन
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व व केंद्र सरकार की नीतियों से देश की अर्थव्यवस्था लगातार कीर्तिमान स्थापित कर रही है। सरकार के प्रयासों से मजबूत निर्यात और बेहतर मैनुफैक्चरिंग एक्टिविटी की बदौलत भारत जनवरी-2022 में लगातार तीसरे महीने उभरते बाजारों की लीग तालिका में शीर्ष पर बना हुआ है। भारत 81 अंक के साथ शीर्ष स्थान पर बरकरार है, जबकि 68 अंकों के साथ इंडोनेशिया दूसरे स्थान पर है। सूची में ब्राजील तीसरे, थाईलैंड चौथे, रूस पांचवें और चीन सातवें स्थान पर है। उन्होंने कहा है कि देसी-विदेशी संस्थाओं द्वारा भारत को लेकर किए जा रहे दावे मोदी सरकार की नीतियों पर ठोस मुहर है।