पटना: बिहार विधान मंडल का बजट सत्र आज से शुरू हुआ है। राज्यपाल के अभिभाषण से शुरू हुआ यह सत्र 31 मार्च तक चलेगा। इस दौरान कुल 22 बैठकें होंगी। सदन में सत्ताधारी गठबंधन की रणनीति तय करने को लेकर आज एनडीए विधानमंडल दल की बैठक हुई। बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने सुशासन में व्याप्त अफसरशाही पर सवाल खड़े किए। वही मुकेश सहनी ने मंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी।
जीतन राम मांझी ने कहा कि बिहार की हालत ऐसी है कि विधायकों को पीछे बैठाया जाता है और अधिकारी आगे की कतार में बैठते हैं। जबकि प्रोटोकॉल में विधायक सचिव से ऊपर होते हैं। वही मुकेश सहनी ने मुख्यमंत्री के सामने ही मंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी। उन्होंने कहा कि जब हमारी कोई बात ही नहीं सुनता है तो मंत्री से क्या फायदा। जीतन राम मांझी के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह की बात अब नहीं होगी अधिकारियों को इस संबंध में निर्देशित किया जाएगा।
सेंट्रल हॉल में आयोजित बैठक में बीजेपी- जेडीयू-हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा व वीआईपी के विधायक व विधान पार्षद मौजूद रहे. सत्ताधारी दल के कई विधायकों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से वेतन-भत्ता व विधायक निधि बढ़ाने की मांग की. बैठक के भीतर से जो जानकारी निकलकर सामने आई है उसमें यह बताया गया है कि बीजेपी के 5-6 विधायकों ने मुख्यमंत्री से विधायक- विधान पार्षदों के वेतन -भत्ते में बढ़ोतरी करने का आग्रह किया है। विधायकों का तर्क था कि महंगाई लगातार बढ़ रही है। आने वाले दिनों में एक बार फिर से महंगाई बढ़ेगी। ऐसे में विधायकों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।
इसके साथ ही सत्ताधारी दल के विधायकों ने सीएम नीतीश कुमार से कहा कि स्थानीय क्षेत्र विकास निधि के तहत जो राशि मिलती है उसमें भी बढ़ोतरी की जाए। विधायकों ने इस राशि को 5 करोड़ करने की मांग की है। अभी विधायक- विधान पार्षद तीन करोड़ की राशि को विकास कार्यों के लिए अनुशंसा कर सकते हैं।