सीरियल बम ब्लास्ट के बाद खगड़िया में फिर मिले दो बम, बम निरोधक दस्ते ने किया डिफ्यूज, जांच में लगी ATS

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पटना: खगड़िया शहर के बखरी बस स्टैंड के सामने बीते गुरुवार को जहां बम विस्फोट हुआ था, उस झोपड़पट्टी के बगल में जलकुंभी से शनिवार को फिर दो बम बरामद किए गए हैं। इसके बाद से हड़कंप मचा हुआ है। मालूम हो कि गुरुवार को उक्त झोपड़पट्टी में एक के बाद एक धमाके से शहर हिल गया था। लोगों में दहशत कायम है। उस घटना में घायल आरोपित सतीश सदा ने पुलिस अधिकारी को बताया था कि एक गड्ढे में कार्टन में 25 बम हैं। हालांकि, उसने जिस गड्ढे का नाम बताया था, वह गड्ढा शहर के आसपास नहीं है। सतीश सदा का इलाज भागलपुर में चल रहा है।

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इधर मिले बम को बम निरोधक दस्ते ने डिफ्यूज कर दिया है। बम मिलने के बाद इलाके में अलर्ट जारी कर सघन चेकिंग की जा रही है। खगड़िया जिला मुख्यालय स्थित बखरी बस स्टैंड के समीप झुग्गी में गुरुवार को सीरियल बम ब्लास्ट में महादलित परिवार के 14 लोग जख्मी हो गए। पूरे इलाके में अफरातफरी मच गई। डीएम आलोक रंजन घोष और एसएपी अमितेश कुमार घटनास्थल पर पहुंचे। घायलों को अस्पताल भेजा। मामले को गंभीरता को देखते हुए शुक्रवार को भागलपुर से एफएसएल की टीम और पटना से आतंक निरोधी दस्ता (एटीएस) को जांच के लिए बुलाया गया। जांच में यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि बम कहां से लाए गए थे। एटीएस इस बात को भी ध्यान में रखकर जांच कर रही है कि कहीं कोई बड़ी साजिश तो नहीं चल रही। इसके पूर्व भी पूर्व बिहार के भागलपुर, बांका और खगडिय़ा में बम विस्फोट की घटनाएं हो चुकी हैं।

बखरी बस स्टैंड के पड़ोस में तीन गांव है। दाननगर, इस्लामपुर और मथुरापुर। इन गांवों से सटा महादलितों का एक टोला है। इस टोले में 70-80 लोग रहते हैं। कुछ लोग कबाड़ बीनने का काम करते हैं। इनमें से सतीश सदा एक गड्ढे से उठाकर चार बम ले आया। उसने रेल लाइन के किनारे दो बम फोड़ दिए। जब तक लोग कुछ समझ पाते, तब तक सतीश सदा के घर मेें रखे दो बम भी फट गए। विस्फोट इतना जबरदस्त था कि 14 लोग घायल हो गए। घायलों में से चार को इलाज के लिए जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज अस्पताल भागलपुर सहित अन्य जगहों पर भेजा गया। इनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है।

इधर, एटीएस के एडीजी रविंद्रन शंकरण के निर्देश पर तीन सदस्यीय टीम खगडिय़ा पहुंची। टीम के सदस्यों ने घटनास्थल और अस्पताल पहुंचकर घायलों से पूरी जानकारी ली। घायलों में से कुछ लोगों ने इस घटना के पीछे सतीश सदा सहित दो अन्य लोगों के हाथ होने की बात कही। जांच टीम में शामिल एक सदस्य ने बताया कि जो बम विस्फोट हुए हैं, वे कम शक्तिशाली (देसी) थे। महादलित परिवार के तीन सदस्यों के पास बम कहां से आए इसकी गहराई से जांच की जा रही है। इस मामले में पुलिस ने सतीश सदा सहित तीन लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की है।

धर, भागलपुर से गई एफएसएल की टीम घटनास्थल से हर प्रकार के साक्ष्य को जुटाने में लगी है। एफएसएल के भी अधिकारियों का मानना है कि बम कम शक्तिशाली थे, इसलिए कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। अन्यथा कई लोगों की जान जा सकती थी। खगडिय़ा के एसपी अमितेश कुमार ने बताया कि घायलों से पूछताछ कर पता लगाने की कोशिश की जा रही है।

एटीएस के एडीजी, पटना रवींद्रन शंकरण ने कहा कि जांच टीम को खगड़िया भेजा गया है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। सतीश सदा ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि बखरी बस स्टैंड से कुछ ही दूर एक गड्ढे में मौजूद कार्टन बम रखे थे। उसे फोडऩे की नीयत से उठाकर घर ले आया। इस दौरान विस्फोट की घटना हो गई। यदि सतीश की बात पर यकीन किया जाए तो सवाल उठता है कि बम से भरे से भरा कार्टन गड्ढे में कैसे पहुंचा। स्थानीय लोगों का मानना है कि दाननगर, इस्लामपुर और मथुरापुर में कई और शरारती तत्व रहते हैं। देर रात लोग इस रास्ते से जाना पसंद नहीं करते। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि कहीं यह करतूत किसी शरारती तत्व की तो नहीं है।