- एएनएम, आशा व आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा पिलाई जाएगी दवा
- 5.80 लाख से अधिक बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाने का है लक्ष्य
- 5 वर्ष तक के बच्चों को जरूर दें “दो बूंद जिंदगी की”
छपरा: बच्चों में विकलांगता होने के प्रमुख लक्षणों में से एक पोलियो को जड़ से खत्म करने के लिए जिले में अंतर्राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत जिलाधिकारी राजेश मीणा ने सदर अस्पताल में शिशुओं को पोलियो ड्रॉप पिलाकर की। इस दौरान जिलाधिकारी ने बताया कि पोलियो एक गंभीर बीमारी है, जो किसी व्यक्ति के शरीर को लकवाग्रस्त कर देता है। चूंकि छोटे बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है इसलिए उसे इस बीमारी से संक्रमित होने की सम्भावना अधिक होती है।
इसे होने से पहले ही खत्म कर देने के लिए 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जा रही है। उन्होंने जिले के सभी परिजनों से अपने बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए उन्हें पोलियो की दवा पिलाकर अभियान को सफल बनाने में जिला स्वास्थ्य विभाग को सहयोग करने की अपील की। डीएम ने कहा कि पल्स पोलियो अभियान के तहत 27 फरवरी से 5 दिनों तक चलने वाले चक्र में जिले के 647270 घरों को लक्षित किया गया है तथा 580851बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने का लक्ष्य है। प्रत्येक दल में एक आशा और एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं जो घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की दवा पिलाएंगी।
दवा पिलाने के बाद बच्चों के और उनके माता -पिता का नाम, गृह संख्या आदि फार्म में भर कर अपने केंद्र में जमा करवाएँगी। इस मौके पर डीआईओ डॉ. चंदेश्वर सिंह, डीपीएम अरविन्द कुमार, उपाधीक्षक डॉ. एसडी सिंह, डब्ल्यूएचओ के डॉ. रंजितेश कुमार, यूनिसेफ एसएमसी आरती त्रिपाठी समेत अन्य मौजूद थे।
अभियान की सफलता के लिए टीम का हुआ गठन:
- डोर टू डोर: 1477
- ट्रांजिट टीम: 281
- मोबाइल टीम: 36
- सुपरवाइजर: 547
लकवाग्रस्त बीमारी है पोलियो :
डीआईओ डॉ. चंदेश्वर सिंह ने बताया कि पोलियो एक लकवाग्रस्त वायरस जनित रोग है। बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण उसे पोलियो होने की सम्भावना ज्यादा है।यह बीमारी विशेष रूप से रीढ़ के हिस्सों व मस्तिष्क को ज्यादा नुकसान पहुँचाता है। इससे बचाव के लिए लोगों को अपने बच्चों को पोलियो की दवा जरूर पिलानी चाहिए। पोलियो ड्रॉप के साथ बच्चों को संपूर्ण टीकाकरण भी करवाना चाहिए जो 12 जानलेवा बीमारियों से बचाए रखता है।
कार्यक्रम की शत-प्रतिशत सफलता के लिए आंगनबाड़ी सेविका करेंगी सहयोग:
पोलियो अभियान की सफलता के लिएआंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया है जो डोर टू डोर भ्रमण कर 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाएंगी। इसके लिए सभी सीडीपीओ तथा एलएस को निर्देश दिया गया है। साथ ही आंगनबाड़ी सेविका, महिला पर्यवेक्षक को संध्याकालीन बैठक में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है।आईसीडीएस की तरफ से किसी भी तरह समस्या होती है तो उसका तुरंत निष्पादन कर सूचित करेंगे ताकि पोलियो अभियान में कोई व्यवधान उत्पन्न न हो।
कोविड संक्रमण से बचाव का रखा जाएगा ध्यान :
यूनिसेफ एसएमसी आरती त्रिपाठी ने बताया कि पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान के दौरान कोविड संक्रमण से बचाव का पूरा ध्यान रखा जाएगा। कर्मियों द्वारा दवा पिलाने के समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा। स्वास्थ्य कर्मियों को पूरी तरह से मास्क व ग्लब्स का उपयोग करने के लिए निर्देशित किया गया है।