पटना: काजवली चक में हुए विस्फोट में 15 लोगों की मौत हो गई। इतनी बड़ी घटना के बाद भी मुख्यमंत्री का पीड़ितों से मिलने नहीं आना और चुप्पी साधे रखना दुखद है। मुख्यमंत्री बात बात पर कहते हैं कि अपने बाप-दादा से पूछें कि 15 वर्ष पहले बिहार कैसा था। वर्ष 2002 में काजवली चक में विस्फोट हुआ था, उस समय चार लोगों की मौत हुई थी। अभी विस्फोट में 15 लोगों की मौत हो गई। अब मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि पहले का बिहार ठीक था या अब जो बिहार की दुर्गति हो रही है।
यह बातें लोजपा रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। चिराग ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश के गृह मंत्री भी हैं। ऐसे में उन्हें इस मामले पर चुप्पी तोड़ना चाहिए। सिर्फ एक थानेदार को निलंबित कर देने से कुछ नहीं होगा। विस्फोटक का धंधा प्रशासन के संरक्षण में चल रहा था। घटना स्थल के दो सौ मीटर के दायरे में दो थाना और एक डीएसपी का आवास है। ऐसे में यह हो ही नहीं सकता है कि पुलिस को अवैध कारोबार के बारे में जानकारी नहीं हो। जिन जिन पदाधिकारियों के संरक्षण में यह कारोबार संचालित हो रहा था, वैसे सभी अधिकारियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
चिराग पासवान ने कहा कि मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जानी चाहिए। स्थानीय प्रशासन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। डीएम और एसपी से मैंने खुद बात की। जांच से लेकर पीड़ितों को राहत मुहैया कराने के सवाल पर दोनों अधिकारी का रवैया टालमटोल करने वाला है। सिर्फ एक बोरी चावल-गेंहूं देने भर से प्रशासन की जिम्मेवारी खत्म नहीं हो जाती है। लोजपा रामविलास के अध्यक्ष ने कहा कि घायलों से मिलने मैं खुद जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज अस्पताल गया था। वहां की स्थिति दयनीय है। 30 घंटे से एंबुलेंस के लिए एक मरीज के स्वजन इंतजार कर रहे थे। अस्पताल अधीक्षक को मैंने फोन किया, लेकिन वे नहीं पहुंचे।
बिहार के स्वास्थ्य व्यवस्था का यह हाल है कि अपने आंखों का इलाज कराने के लिए मुख्यमंत्री को दिल्ली जाना पड़ता है। नीति आयोग की रिपोर्ट ने बता दिया है कि बिहार सभी मामले में अंतिम पायदान पर पहुंच गया है। इसी कारण जनता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सिरे से खारिज कर दिया। इस बार जनता ने जदयू को तीसरे नंबर की पार्टी बना दिया। आने वाले चुनाव में जदयू का सफाया हो जाएगा। चिराग ने कहा कि बिहार में अपराधी गिरफ्तार नहीं होते हैं, इस कारण अपराध कम नहीं हो रहे हैं। मुख्यमंत्री समाज सुधार यात्रा निकाल रहे हैं, जबकि उनको खुद में सुधार लाना चाहिए। भागलपुर में एनामुल नामक युवक की हत्या हो गई, उसकी मां मुख्यमंत्री को ज्ञापन देती है। इसके बाद भी अपराधी गिरफ्तार नहीं होते हैं।