पटना: नीतीश सरकार ने अपनी महत्वाकांक्षी शराबबंदी कानून में बड़ा बदलाव किया है. शराबबंदी कानून में संशोधन का विधेयक बुधवार को सदन में पारित किया गया. इसके तहत अब शराबबंदी कानून को कुछ मामलों में लचर बनाया गया है. इसके तहत अब पहली बार शराब पीकर पकड़े जाने पर उसे जुर्माना लेकर छोड़ने का प्रावधान किया गया है।
विधानसभा में बिहार मद्य निषेध और उत्पाद संशोधन विधेयक पारित किया है. विभागीय मंत्री सुनील कुमार ने बताया कि शराब पीने वालों को अब जुर्माना लेकर छोड़ा जाएगा. जुर्माने की राशि राज्य सरकार तय करेगी. हालांकि बार बार शराब पीकर पकड़े जाने पर उसे गिरफ्तार किया जायगा. साथ ही जुर्माना और जेल दोनों होगा।
बिहार मद्य निषेध और उत्पाद संशोधन विधेयक के बदले प्रावधानों के तहत अब शराब पीकर पकड़े जाने वाले को नजदीकी कार्यपालक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा. शराबी जुर्माना देकर छूट सकता है. जुर्माना नहीं देने पर एक महीने की सजा हो सकती है. बार-बार पकड़े जाने पर जेल और जुर्माना दोनों होगा. हालांकि जुर्माने की राशि राज्य सरकार तय करेगी।
साथ ही पुलिस को मजिस्ट्रेट के सामने जब्त सामान नहीं पेश करना होगा. पुलिस पदाधिकारी इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य पेश कर सकते हैं. नमूना सुरक्षित रखकर जब्त सामान को नष्ट किया जा सकेगा. इसके लिए परिवहन की चुनौती और भूभाग की समस्या दिखाना होगा. डीएम के आदेश तक जब्त वस्तुओं को सुरक्षित रखना जरूरी नहीं होगा. नए संशोधन के तहत मामले की सुनवाई एक साल के अंदर पूरी करनी होगी. धारा-37 में सजा पूरा कर चुका आरोपी जेल से छूट जाएगा. वहीं तलाशी, जब्ती, शराब नष्ट करने को लेकर है विशेष नियम बनाए गये हैं.
उन्होंने बताया कि शराबबंदी को लेकर पूरे सूबे में 74 स्पेशल कोर्ट का गठन किया गया है. साथ ही धंधेबाजों पर कार्रवाई के लिए संशोधन विधेयक पेश किया गया है. अब तक राज्य में 1230 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कारवाई हुई है।
- नजदीकी कार्यपालक मजिस्ट्रेक के समक्ष पेश किया जाएगा
- जुर्माना देकर छूट सकता है पकड़ा गया आरोपी
- जुर्माना नहीं देने पर एक महीने की सजा हो सकती है
- बार-बार पकड़े जाने पर जेल और जुर्माना दोनों होगा
- जुर्माने की राशि राज्य सरकार तय करेगी
- पुलिस को मजिस्ट्रेट के सामने जब्त सामान नहीं पेश करना होगा
- पुलिस पदाधिकारी इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य पेश कर सकते हैं
- नमूना सुरक्षित रखकर जब्त सामान को नष्ट किया जा सकेगा
- इसके लिए परिवहन की चुनौती और भूभाग की समस्या दिखाना होगा
- डीएम के आदेश तक जब्त वस्तुओं को सुरक्षित रखना जरूरी नहीं
- मामले की सुनवाई एक साल के अंदर पूरी करनी होगी
- धारा-37 में सजा पूरा कर चुका आरोपी जेल से छूट जाएगा
- तलाशी, जब्ती, शराब नष्ट करने को लेकर है विशेष नियम