प्रत्येक को सात हजार देना होगा जुर्माना
परवेज अख्तर/सिवान: सीवान में चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंकज चौहान की अदालत ने जानलेवा हमला के मामले में पांच आरोपितों को 10-10 की सजा सुनाई है. साथ ही अदालत ने प्रत्येक अभियुक्तों को सात सात हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया है. यह फैसला तकरीबन 20 वर्ष चली लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद अदालत ने सुनायी है. पिछले सप्ताह ही आरोपितों को सुनवाई के बाद दोषी करार दिया गया था. अर्थिक दंड नहीं देने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. घटना 12 जून 2002 की है. घटना के संबंध में सीवान मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के सरसर गांव के रमेश कुमार सिंह ने भाई पर जानलेवा हमला के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराकर गांव के ही गंगा विशुन भगत, हरिहर भगत, भरथ भगत, बलिराम भगत व जितेंद्र भगत को आरोपित किया था.
दर्ज प्राथमिकी में कहा था कि आरोपितों ने लाठी, डंडा, चाकू व अग्नेयास्त्र से लैस होकर आए तथा सूचक एवं उसके परिवार के लोगों पर जानलेवा हमला कर जख्मी कर दिए. जहां न्यायालय ने पिछले सप्ताह विचारण के दौरान सभी आरोपितों को दोषी करार दिया था.शुक्रवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने सभी अभियुक्तों को दस वर्ष की सजा सुनाया है. अदालत ने सभी अभियुक्तों को भादवि की धारा 307/149 में दस वर्ष की सजा तथा पांच हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया है. आर्थिक दंड नहीं देने पर सभी अभियुक्तों को तीन ताह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी. वहीं भादवि की धारा 324 में तीन वर्ष, धारा 435 में तीन वर्ष, आर्म्स एक्ट-27 में तीन वर्ष की सजा सुनाया है. सभी सजाएं साथ साथ चलेगी. सूचक की ओर से बरीय अधिवक्ता वीरेंद्र सिंह एवं अपर लोक अभियोजक सुदामा ठाकुर व बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता मनान अहमद व सईद अख्तर ने पक्ष रखा.