- सुरक्षा को ले तैनात रहें जवान, गांधी मैदान से निकाली गयी शोभा यात्रा
- महिला श्रद्धालुओं में दिखा गजब का उत्साह, जगह-जगह आयोजित हुआ पूजा अर्चना
परवेज अख्तर/सिवान: रविवार को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव रामनवमी पर शहर से लेकर गांव तक गाजे-बाजे के साथ भव्य और विशाल शोभायात्रा निकाली गयी. जिसमें श्रीरामजन्म महोत्सव समिति के साथ ही पूरा शहर निकल पड़ा. शोभायात्रा में रामभक्तों की भीड़ हजारों की संख्या में उमड़ी रही. तेज धूप व गरमी के बावजूद श्रद्धालु इसमें शामिल हुए. जय श्रीराम, हरहर महादेव के जयकारे से पूरा शहर गूंज उठा. रामजी की निकली सवारी, रामजी की लीला है न्यारी, श्रीराम जी चले न हनुमान के बिना….. सहित अन्य भजनों के बीच भक्त झूम रहे थे. पूरे शहर में शोभायात्रा को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट था. डीएम व एसपी से लेकर पूरा प्रशासनिक अमला शांतिपूर्ण जुलूस में जुटा रहा. शहर में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल तैनात रहे. साथ ही तीसरी आंख व तीन ड्रोन से भी जुलूस पर नजर रखी गयी. जुलूस के हर गतिविधि की वीडियोंग्राफी व फोटोग्राफी भी करायी गयी. दंडानिरोधी दस्ता के साथ ही अश्वरोही दस्ता भी तैनात रहा. एसडीएम रामबाबू बैठा व एसडीपीओ जितेंद्र पांडे जुलूस के पलपल का ऑपडेट ले रहे थे. डीएम अमित कुमार पांडे व एसपी शैलेश कुमार सिन्हा जुलूस समाप्ति तक बड़ी मस्जिद के समीप बने प्रशासनिक कैंप में जमे रहे.
- सुरक्षा के रहे कड़े इंतजाम, शहर में निकली भव्य शोभायात्रा
- डीएम व एसपी ने फ्रंटफुड पर की निगरानी
रविवार को शहर की सड़कों पर हर तरफ भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव का उत्साह दिखाई पड़ा. जय श्रीराम के नारों के बीच नगाड़ों की धुन में युवाओं का जोश खूब दिख रहा था. गंगा जमुनी तहजीब की संस्कृति को समेटे शहर में माहौल बिगाड़ने की अराजक तत्वों की कोशिश को नाकाम करने के लिए प्रशासनिक तैयारी अभूतपूर्व रहा. तकरीबन सात घंटे तक चले शोभायात्रा के बाद पुलिस व प्रशासन ने आखिरकार राहत की सांस ली. पांच वर्ष पूर्व शोभायात्रा के दौरान माहौल बिगाड़ने की हुई कोशिश के बीच पथराव व फायरिंग के बाद भी प्रशासन की सतर्कता से कोई बड़ी घटना नहीं हुई. इसे देखते हुए सुरक्षा के इस बार अभूतपूर्व इंतजाम किये गये थे. डीएम अमित कुमार पांडे व एसपी शैलेश कुमार सिन्हा के अलावा अन्य अधिकारी शोभायात्रा के दौरान शहर की सड़कों पर गश्त करते नजर आये. शहर के खास इलाके में अर्थ सैनिक बल व एसआरएफ, आईटीबीपी की तैनाती की गयी थी. इसके अलावा ड्रोन कैमरे भी लगाये गये थे, जो हवा में घूमते हुए सब पर नजर रख रहे थे. इसे देखते हुए जुलूस के दौरान माहौल बिगाड़ने की किसी ने हिम्मत नहीं दिखाई.