परवेज अख्तर/सिवान: जिले के महाराजगंज प्रखंड के बलिया गांव के गढ़देवी मंदिर परिसर में रविवार की संध्या कला सांस्कृतिक विभाग एंव जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान मे आयोजित एक दिवसीय सांस्कृतिक पंडाल के मंच पर समृद्ध व गौरवशाली लोक संस्कृति परंपरा की झलक के साथ-साथ आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला. कार्यक्रम के दौरान कलाकारों ने भक्ति भजन, लोकगीत व फिल्मी गीत की धुन पर ऐसी प्रस्तुति दी कि दर्शक दीर्घा में बैठे लोग झूम उठे. कार्यक्रम की शुरुआत में आनन्द मोहन व गोपाल राय ने गणेश वंदना गौरी नंदन हे जगनंदन की प्रस्तुति पर दर्शक दीर्घा में बैठे लोग भक्ति रस में डूबे नजर आए.
वहीं देवी भजन मन भावे मइया के चुनरिया चकमकदार सइंया लेले अइह, बहते बहे रे पुरवइया गाने की धुन पर दर्शक दीर्घा में बैठे लोग झूम उठे. पूरा सांस्कृति पंडाल तालियों की आवाज से गूंज उठा. इसके बाद आलोक पाडेय एण्ड गुप के कलाकारों द्वारा प्रस्तुति ऐ विधाता हो समइया ई कहवां लेके जाई गीत की धुन पर खूब तालियां बटोरी.जहां कलाकारों की एक से बढ़कर एक प्रस्तुति का दर्शक भरपूर लुत्फ उठा रहे हैं. वहीं नुक्कड़ नाटक व लोकगीत के माध्यम से सामाजिक कुरीतियोच् व स्वच्छता के प्रति जागरूकता संदेश भी दिए जा रहे हैं. कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक किया.
बल्कि कूड़ा-कचरा न घरवा में अरे लगाई ए बलम जी. जैसे लोकगीत से स्वच्छता का संदेश दिया बल्कि कौने दिशा में लेके चला रे बटोहिया.., अंगना में बाबा, द्वारे पे मां.. जैसे गीत पर भावपूर्ण नृत्य कर लोगों की खूब तालियां बटोरी.कलाकारों द्वारा प्रस्तुत सधी-संवरे नृत्य प्रदर्शन देख दर्शक चकित थे. इसके बाद कजरी और जट-जटीन एवं झुमर की शानदार प्रस्तुति हुई. भीड़ नियंत्रण के लिए सभी जगहों पर पुलिस बल की तैनात थी. मेला कमेटी के अध्यक्ष सुरेंद्र पांडे, स्थानीय सुरेंद्र महतो, स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि मुन्ना मांझी, मुखिया रत्नेश्वर यादव, पैक्स अध्यक्ष रामनरेश प्रसाद, भुआल सिंह आदि ने बताया कि गढ़देवी के नाम का गुणगान सुनने से सभी का कल्याण होता है.