परवेज अख्तर/सिवान: शहर समेत ग्रामीण इलाके में भी रमजान उल मुबारक के दूसरे जुम्मे की नमाज शुक्रवार को पढ़ी गई। जुमे की नमाज के दौरान शहर के दरबार मस्जिद, चौक बाजार बड़ी मस्जिद, एमएम कॉलोनी के बेलाल मस्जिद, चमड़ा मंडी के नूर अक्सा मस्जिद, हाफिजी चौक के करीम शाह की मस्जिद व शेख मोहल्ला के ग्यारहवीं शरीफ मस्जिद समेत अन्य मस्जिदों में नमाजियों की भीड़ उमड़ पड़ी। वहीं मस्जिदों के इमाम ने नमाज अदा कराई। रमजान उल मुबारक के दूसरे जुम्मे की नमाज के खुतबे में मुफ्ती इरफान चिश्ती ने कहा कि रमजान का यह महीना बरकतों का है, लिहाजा लोगों को ज्यादा से ज्यादा समय इबादत में बितानी चाहिए। रमजान को तीन आशरा में बांटा गया है। पहला असरा रहमत, दूसरा मगफेरत व तीसरा अशरा जहन्नुम से आजादी का है।
रोजा की तरह जकात भी इस्लाम में फर्ज है। इसमें सभी साहबे माल को जकात देना फर्ज है, ताकि समाज के दबे-कुचले, गरीब व मासकिन की मदद हो सके। कहा कि रमजान बरकत का महीना है, इस महीने में जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं। मुफ्ती इरफान चिश्ती ने कहा कि इस साल सदकाए फित्र का एलान बावन रुपये किया गया है। जो हजरात गेंहू से सदकाए फित्र अदा करना चाहते हैं, वह दो किलो 45 ग्राम प्रत्येक व्यक्ति अदा करे। इधर, दूसरे जुम्मे की नमाज पढ़ने मस्जिद पहुंचे रोजेदार फरहान, जिशान, जावेद, सैफुल आलम, इरफान, इमरान, तबरेज, आमिर व सनाउल्लाह आदि का कहना था कि दो वर्षों तक कोरोना की वजह से मस्जिद में जुमे की नमाज अदा नहीं कर पाए थे, लेकिन इस वर्ष कोरोना की पाबंदियां हटने से उत्साह के साथ रोजा रखकर जुम्मे की नमाज अदा करने मस्जिद पहुंचे हैं।