पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को तेजस्वी यादव के निमंत्रण पर राबड़ी आवास पर आयोजित इफ्तार पार्टी में शामिल होने गए थे। सीएम के लालू प्रसाद यादव के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के कार्यक्रम में पहुंचने पर कई तरह के राजनीतिक कयास लगाए जाने लगे थे। इन अटकलों पर शनिवार को नीतीश ने खुद जवाब दिया। पटना में कुंवर सिंह श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत के क्रम में नीतीश ने कहा कि तेजस्वी यादव की इफ्तार पार्टी में मेरे शामिल होने पर कोई राजनीतिक कयास नहीं लगाया जाए। मुझे निमंत्रण मिला था, तो मैं गया। इस दौरान उन्होंने सुशील मोदी के ट्वीट पर भी प्रतिक्रिया दी। नीतीश ने कहा ट्वीट सुशील मोदी ने किया है, वही बता सकते हैं।
नीतीश ने कहा कि मेरे इफ्तार पार्टी में जाने से राजनीति करने के क्या मायने हैं? ऐसे आयोजनों में सबको निमंत्रण दिया जाता है। सरकार की तरफ से भी कार्यक्रम होते हैं। सभी पार्टी के लोगों को बुलाया जाता है। बोचहां उप चुनाव में हार और एमएलसी इलेक्शन में खराब प्रदर्शन पर भाजपा से राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी के बयान पर नीतीश ने कहा कि उन्होंने क्या ट्वीट किया है, यह वही बताएंगे।
कुंवर पर राष्ट्रीय स्तर पर किए जाएं आयोजन
श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद नीतीश ने कहा कि वीर कुंवर सिंह के योगदान को भूला नहीं जा सकता। वो समाज के हर तबके को जोड़कर रखते थे। कुंवर के नेतृत्व में ही सबसे पहले आजादी की लड़ाई लड़ी गई थी। सीएम ने कहा कि छात्रों को भी आजादी के लड़ाई के विषय में जानकारी मिले इस लिए कुंवर सिंह के कार्यों को पाठ्यक्रम में भी शामिल किया गया है। नीतीश ने कहा कि कुंवर केवल बिहार में ही नहीं रहे, पूरे देश में घूम-घूमकर आजादी के लिए लड़ाइयां लड़ीं। उन्होंने कहा कि कुंवर सिंह की भूमिका को देखते हुए ऐसे आयोजन राष्ट्रीय स्तर पर किए जाने चाहिए।
चुनाव परिणाम गहन आत्मचिंतन का विषयः सुशील मोदी
गौरतलब है कि बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा था कि एमएलसी चुनाव के प्रदर्शन और बोचहां विधानसभा सीट के लिए हुए उप चुनाव में हार हमारे लिए गहन आत्मचिंतन का विषय है। एनडीए नेतृत्व दोनों चुनावी परिणाम की समीक्षा करेगा, ताकि समय रहते कमियां दूर की जा सकें। सुशील मोदी ने कहा कि हमने सबका विश्वास जीतने की कोशिश की। इसके बाद भी एनडीए के मजबूत जनाधार अति पिछड़ा वर्ग और सवर्ण समाज के एक वर्ग का वोट खिसक जाना अप्रत्याशित था। इसके पीछे क्या नाराजगी थी, इस पर एनडीए अवश्य मंथन करेगा। विधान परिषद और विधानसभा उप चुनाव में एनडीए के घटक दलों के बीच 2019 जैसा तालमेल क्यों नहीं रहा, इसकी भी समीक्षा होगी। अगले संसदीय और विधानसभा चुनाव में अभी इतना वक्त है कि हम सारी कमजोरियों और शिकायतों को दूर कर सकें।