पटना: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राज्य कार्यालय में स्वतंत्रता संग्राम के अमर सेनानी बाबू वीर कुंवर सिंह की जयंती समारोहपूर्वक मनाई गई। प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उनके तैलचित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। माल्यार्पण के बाद जगदानंद सिंह ने आरोप लगाया है कि आज वीर सावरकर के पदचिन्हों पर चलने वाले, अंग्रेजों से माफी मांगने वाले वीर कुंवर सिंह की जयंती को राजनीतिक इवेंट बनाकर स्वयं का बखान कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आजादी के लिए संघर्ष करने वाले वीर सपूतों के सपनों के अनुरूप देश की मजबूती के लिए नफरत के खिलाफ सभी को एकजुट होकर मुकाबला करना होगा। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के लिए जिन लोगों ने अपनी जान की बाजी लगायी, उसमें एक बड़ा नाम बाबू वीर कुंवर सिंह का है। लड़ते-लड़ते उनकी बांह में अंग्रेजों की गोली लगी तो उन्होंने अपनी तलवार से बांह काटकर मां गंगा को भेंट चढ़ा दी। जगदानंद ने कहा कि बाबू कुंवर सिंह ने एकता के बल पर देश की लड़ाई में योगदान दिया। इस अवसर पर अशोक कुमार सिंह, वृषिण पटेल, डॉ. तनवीर हसन, प्रो. सुबोध कुमार मेहता, एजाज अहमद, बंटू सिंह, मृत्युंजय तिवारी आदि उपस्थित थे।
‘राजद की कामयाबी से भाजपा सशंकित’
राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने आरोप लगाया है कि अमित शाह की रैली संभवत: बिहार की अब तक की सबसे महंगी रैली रही। लेकिन जिन लोगों ने आजादी की लड़ाई में कभी तिरंगा नहीं पकड़ा, आज उनको हाथ में तिरंगा लेकर आजादी का अमृत महोत्सव मनाते देखकर अच्छा लगा। सोलह-सत्रह वर्षों से बिहार के शासन की बागडोर एनडीए के हाथ में है, इसके बावजूद अमित शाह का लालू प्रसाद का नाम लेकर लोगों को डराते हुए सुनकर हंसी आई।
पिछले विधानसभा चुनाव में राजद गठबंधन की सरकार बनते-बनते रह गई थी। अभी विधान परिषद के चुनाव में हमारी कामयाबी और उसके बाद बोचहां की हमारी भारी जीत से भाजपा सशंकित हो गई है। यह तो अमित शाह द्वारा लालू प्रसाद का नाम लेने से ही स्पष्ट हो गया है। लेकिन तेजस्वी का नाम नहीं लिया। जबकि राजद की बागडोर लालू प्रसाद ने तेजस्वी को सौंप दी है। राजद को संतोष है कि अमित शाह ने लालू प्रसाद का नाम लेकर बिहार में हमारी ताकत और चुनौती को कुबूल किया है।