बक्सर: बिहार के बक्सर शहर के रामरेखा घाट के पास से बुधवार को एक साथ पांच शव मिले. इससे लोगों में दहशत का माहौल कायम हो गया है. स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना प्रशासन को दी. इसके बाद दलबल के साथ सदर एसडीएम धीरेंद्र मिश्रा रामरेखा घाट पहुंचे. इसके बाद आनन-फानन में शवों को डिस्पोज कराया गया. पांच शवों में तीन पुरुष और दो महिलाओं के है.
बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भी बक्सर जिले के चौसा महादेवा गंगा घाट से एक साथ सैकड़ों शव मिले थे. तब जिला प्रशासन ने महादेवा घाट पर ही गड्ढे खोदकर सभी शवों को जेसीबी की मदद से दफना दिया था. वहीं, एक बार फिर बक्सर में गंगा नदी से पांच शव मिलने से शहर में चर्चा का बाजार गर्म है. लोगों में एक बार फिर पिछले कोरोना काल का भय सताने लगा है.
निर्मल गंगा अभियान की खुली पोल
गौरतलब है कि भारत सरकार की तरफ से एक तरफ गंगा को स्वस्छ बनाने के लिए तमाम योजनाएं चलाई जा रही है. निर्मल गंगा स्वच्छ गंगा के नाम पर लाखों-करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाया जा रहा है. सरकार के तमाम नुमाइंदे भी अपने-अपने दावे कर रहे हैं. ऐसे में इस तरह एक साथ गांग नदी में पांच शवों के मिलने से इस अभियान का पोल भी खुल रहा है.
अब तक शवों की नहीं हुई पहचान
हालांकि, बक्सर जिला प्रशासन अब पूरे मामले की जांच की बात कह रहा है, लेकिन यह शव किनके हैं और कहां से आए हैं? इस बात पर कुछ भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है. वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ लोग पुरानी मान्यताओं के अनुसार, मृत शव जलाते नहीं है बल्कि गंगा में प्रवाहित कर देते हैं. इससे जीवनदायिनी गंगा प्रदूषित होती है और संक्रमण का खतरा भी बना रहता है.