- फाइलेरिया के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी सह अपर निदेशक ने जारी किया पत्र
- शरीर के वजन के आधार पर डीईसी दवा का सेवन
छपरा: फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत फाइलेरिया रोधी दवाओं के सही डोज़ के संबंध में एक सार्वभौम दिशा -निर्देश जारी किया गया है। भारत सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसार फाइलेरिया से बचाव और रोकथाम के लिए साल में एक बार फाइलेरिया रोधी दवाओं अल्बेंडाजोल, डीईसी और आइवर माइसिन या अल्बेंडाजोल और डीईसी का सेवन पर्याप्त है। इसको ले फाइलेरिया के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी सह अपर निदेशक डॉ. विपिन सिन्हा ने सभी ज़िलों के वेक्टर बोर्न कंट्रोलिंग ऑफिसर को पत्र जारी किया है।
राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा जारी पत्र में जानकारी मिली है कि कहीं-कहीं पर फाइलेरिया रोधी दवाओं के संबंध में भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का अनुपालन नहीं हो रहा है। इसको ले एक सार्वभौम दिशा-निर्देश जारी किया गया है। जिसके अनुसार भविष्य में कभी भी किसी सरकारी पदाधिकारी के द्वारा अपने स्तर पर फाइलेरिया रोधी दवाओं के संबंध में किसी प्रकार के भ्रामक या गलत जानकारी का प्रचार-प्रसार नहीं हो यह सुनिश्चित करना है।
इन निर्देशों का पालन करना आवश्यक:
माइक्रो फाइलेरिया पॉजिटिव व्यक्तियों को भारत सरकार के गाइडलाइन के अनुसार 12 दिनों के लिए 6 मिली ग्राम/किलोग्राम शरीर के वजन के आधार पर डीईसी दवा का सेवन एवं एक गोली अल्बेंडाजोल एक बार प्रदान करने का दिशा-निर्देश प्रदान किया गया है और केवल ऐसे पॉजिटव पाए गए व्यक्तियों को ही 12 दिनों तक दवा का सेवन करना है। हाथी पांव एवं हाइड्रोसिल फाइलेरिया के संक्रमण होने वाले दुष्प्रभाव हैं। अतः इस तरह के व्यक्तियों को भी साल में एक बार ही भारत सरकार के गाइड लाइन के आधार पर फाइलेरिया रोधी दवाओं अल्बेंडाजोल, डीईसी और आइवर माइसिन या अल्बेंडाजोल और डीईसी का सेवन करना पर्याप्त है। यदि ऐसे व्यक्ति फाइलेरिया पॉजिटिव पाए जाते हैं, तभी उन्हें कुल 12 दिनों तक फाइलेरिया रोधी दवाओं कस सेवन कराने का दिशा-निर्देश जारी किया गया है ।
हर साल चलाया जाता है अभियान:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि प्रत्येक वर्ष फाइलेरिया से बचाव के लिए सरकार की तरफ से एमडीए प्रोग्राम चलाया जाता है। सर्वजन दवा सेवन के अंतर्गत 15 वर्ष से ऊपर के लोगों को अल्बेंडाजोल की एक गोली और डीसी की तीन गोली खिलायी जाती है।