परवेज अख्तर/सिवान: एससी-एसटी जाति की नाबालिक लड़की के साथ बलपूर्वक सामूहिक रूप से दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी अभियुक्त के विरुद्ध सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए एडीजे प्रथम ए के झा की अदालत ने बुधवार को कांड के सह दुष्कर्मी विश्वकर्मा महतो को कांड का दोषी पाकर उम्र कैद की सजा सुनाई है. अदालत ने अभियोजन और बचाव पक्ष की उपस्थिति में अभियुक्त को दुष्कर्म की धारा 376d एवं अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम के अंतर्गत उम्र कैद की सजा एवं 15000 अर्थदंड लगाया है. अर्थदंड नहीं देने की स्थिति में अभियुक्त को अलग से छह माह कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी. बताया जाता है कि बड़हरिया थाना अंतर्गत बालापुर गांव निवासी हरभजन की नाबालिग पुत्री फरवरी 2017 में संध्या के समय गांव के बाहर शौच करने के लिए गई हुई थी.
जब वह सोच कर वापस लौट रही थी तो अंधेरे का लाभ उठाकर गांव के ही दो युवक राजू गुप्ता और विश्वकर्मा महतो उसका मुंह दबाकर सुनसान जगह की ओर खींच ले गए तथा सामूहिक रूप से दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. साथ ही उसे कुछ नहीं बताने का धमकी भी दिया गया. विलंब से आने पर तथा उसकी अस्त व्यस्त हालत को देखकर घर के लोगों ने जब कारण पूछा तो पीड़िता ने रोते हुए आपबीती बताई. पीड़िता के माता-पिता एवं अन्य के द्वारा ढाढ़स बढ़ाने एवं कहने पर पीड़िता ने गांव के दोनों अभियुक्तों के विरुद्ध बड़हरिया थाना में सामूहिक दुष्कर्म को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई. मामले की एक सह अभियुक्त राजू गुप्ता का पूर्व में ही सजा हो चुका है. विश्वकर्मा महतो जमानत पर था और विचारण के दौरान वह भी कांड का दोषी पाया गया. अदालत ने बुधवार को दोषी पाये गये विश्वकर्मा महतो को उपरोक्त सजा दी है.