पटना. बीपीएससी पेपर लीक मामले में जांच एजेंसी ने छानबीन का दायरा बड़ा कर दिया है. हर संभावित एंगल की जांच की जा रही है. इस बात का पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि तमाम तरह के सुरक्षा उपायों के बावजूद आखिरकार प्रश्नपत्र परीक्षा से ठीक पहले पब्लिक डोमेन में कैसे आ गया? इसके पीछे कौन-कौन लोग हैं? क्या इसके पीछे कोई संगठित गिरोह काम कर रहा है या फिर अधिकारियों की मिलीभगत से इसे अंजाम दिया गया? मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई (Economic Offence Wing-EOU) की टीम ने बिहार में प्रतिनियुक्ति पर सेवाएं दे रहे एक IAS अधिकारी से पूछताछ की है. इस अधिकारी से तकरीबन डेढ़ घंटे तक पूछताछ की गई. आईएएस ने सवालों का आराम से जवाब दिया, लेकिन कुछ पर अटके भी.
आईएएस अधिकारी से हुई पूछताछ के दौरान आर्थिक अपराध इकाई के आला अधिकारी भी मौजूद रहे. आर्थिक अपराध इकाई की एसआईटी ने पूछताछ के दौरान वायरल प्रश्नपत्र को लेकर आईएएस अधिकारी से कई सवाल पूछे. कुछ सवाल का तो आईएएस अधिकारी ने बड़े ही आराम से दे दिया, लेकिन कई सवालों पर अटकते भी नजर आए. सूत्रों की मानें तो यह आईएएस अधिकारी फिलहाल बिहार में प्रतिनियुक्ति के तौर पर तैनात हैं. इसी आईएएस अधिकारी के मोबाइल पर बीपीएससी का वायरल और आउट प्रश्नपत्र आया था. जिस शख्स ने आईएएस अधिकारी को प्रश्नपत्र भेजा था, उसके बारे में भी उनसे जानकारी ली गई. उन्होंने अपने जवाब में कहा कि उस शख्स को वह पहचानते हैं, लेकिन उसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानते हैं.
कई सवालों का देना पड़ा जवाब
डेढ़ घंटे की पूछताछ के दौरान कई सवालों का आईएएस अधिकारी को जवाब देना पड़ा. इस दौरान उन्हें कई फोटो भी दिखाए गए, जिसमें आईएएस अधिकारी उस शख्स के साथ खुद मौजूद हैं. आर्थिक अपराध इकाई से मिली जानकारी के अनुसार, छात्र नेता दिलीप को प्रश्नपत्र भेजने वाले संदिग्ध ने ही आईएएस अधिकारी को भी प्रश्नपत्र भेजा था. अभी तक की जांच में यह बात सामने आई है कि बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा पेपर लीक कांड के पीछे एक बड़ा नेटवर्क जुड़ा हुआ है.
जांच में कई बड़े नाम आए हैं सामने
अब तक की तहकीकत में ऐसे कई नाम सामने आए हैं, जिनपर पेपर लीक कांड में शामिल होने का संदेह है. इनमें कुछ तो पूछताछ के दायरे में आ चुके हैं, लेकिन अभी भी कई लोग आर्थिक अपराध इकाई की रडार पर हैं और उनकी धरपकड़ के लिए छापेमारी चल रही है. आर्थिक अपराध इकाई से मिली जानकारी के अनुसार, इन संदिग्धों के गिरफ्त में आने पर पेपर लीक कांड के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है. साथ ही इस पेपर लीक कांड के किंगपिन तक पहुंचना भी टीम के लिए आसान होगा.