पटना: बिहार में जातीय जनगणना को लेकर जारी सियासत अब राजनीतिक रंग लेने जा रही है. बिहार में जदयू और बीजेपी में इस मसले को लेकर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. अभी कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह के उस बयान को 24 घंटे नहीं बीते, जिसमें उन्होंने तेजस्वी के इशारे पर सरकार नहीं चलने देने की बात कही थी. उसके तुरंत बाद उपेंद्र कुशवाहा इस मसले पर मैदान में कूद चुके हैं. मामला अब धीरे-धीरे नीतीश कुमार के हाथों से निकलकर जदयू के अन्य नेताओं के बयानों में उलझता जा रहा है. बीजेपी का भी अपने नेताओं पर कंट्रोल नहीं और उपेंद्र कुशवाहा ऐसे भी नीतीश कुमार की किसी बात से ठीक उल्टा ही करते हैं.
बीजेपी की वजह से जातीय जनगणना में देरी
अब बीजेपी पर कड़ा प्रहार करते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि बीजेपी की वजह से जातीय जनगणना में देरी हो रही है. जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष कुशवाहा का ये बयान बीजेपी नेताओं को उकसाने के लिए काफी है. जदयू नेता ने कहा कि बीजेपी की वजह से सर्वदलीय बैठक नहीं हो पा रही है और जातीय जनगणना को लेकर कोई भी फैसला नहीं हो पा रहा है.
उपेंद्र कुशवाहा बिल्कुल गलत बात कर रहे हैं
वहीं उपेंद्र कुशवाहा के जवाब पर बोलते हुए बीजेपी नेताओं ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा बिल्कुल गलत बात कर रहे हैं. बीजेपी प्रवक्ता राम सागर सिंह ने उपेंद्र पर हमला करते हुए कहा कि लगता है उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार के बयान को ठीक से सुनते नहीं हैं. खुद नीतीश कुमार ने कहा है कि जातिगत जनगणना के मामले पर काम चल रहा है.
उपेन्द्र कुशवाहा जो आरोप लगा रहे है उन्हें पहले नीतीश कुमार से ये सवाल पूछना चाहिए. राम सागर सिंह के इस बयान पर जदयू नेताओं की ओर से भी बयान आने की उम्मीद लगाई जा रही है और अब इस मामले में दोनों दलों की ओर से गरमाहट वाली बयानबाजी शुरू होगी, जो दोनों दलों के लिए ठीक नहीं होगा.
उपेंद्र कुशवाहा ने मधुमक्खी के छते में हाथ डाला?
सियासी जानकारों की मानें, तो उपेंद्र कुशवाहा ने मधुमक्खी के छते में हाथ डाल दिया है. क्योंकि हाल में बिहार में अमित शाह के दौरे के बाद बीजेपी नेता कम बोल रहे थे. अब उपेंद्र कुशवाहा ने उन्हें उकसाकर फिर से दोनों दलों के बीच तल्खी को बढ़ा दिया है. बीजेपी प्रवक्ता ने उपेंद्र कुशवाहा के बयान को गंभीरता से लेते हुए कहा कि क्या नीतीश कुमार ने कोई सर्वदलीय बैठक बुलाया है. जिसमे भाजपा शामिल नही हुई है, तो फिर आरोप क्यू लगाते है उपेन्द्र कुशवाहा. कुशवाहा का इस तरह का बयान ठीक नहीं है.
बिहार में जातीगत जनगणना होकर रहेगी
वही राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते है की कौन क्या बोलता है और दोनों दल क्या आरोप लगाते हैं, उससे हमें कोई मतलब नहीं है. राजद के तेजस्वी यादव ने साफ कर दिया है कि बिहार में जातीगत जनगणना होकर रहेगी. चाहे बीजेपी को अलग करके ही क्यों ना कराना पड़े. तेजस्वी-नीतीश मुलाकात के बाद से ही बिहार में जातीगत जनगणना का मुद्दा सियासी हॉट केक बना हुआ है.
नीतीश कुमार जातीय जनगणना पर नहीं कुर्सी बचाने पर बात हो रही
इधर, इसी मसले पर चिराग पासवान ने कहा है कि नीतीश कुमार जातीय जनगणना पर नहीं कुर्सी बचाने पर बात हो रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव जातीय जनगणना की बात कर रहे हैं, लेकिन इन्हें जातिगत जनगणना से कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने बंद कमरे में दोनो नेताओं की हुई बातचीत पर कटाक्ष करते हुए कहा बिहार में जातिगत जनगणना के लिए बंद कमरे में कौन बात हो रही है. चिराग ने कहा कि जातीय जनगणना के लिए उन्हें कौन रोक रहा है, वे तो प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं.