परवेज अख्तर/सिवान: जिले के मैरवा थाना क्षेत्र के बभनौली पेट्रोल पंप के समीप बाइक पर सवार होकर भाई को मैरवा ट्रेन पर चढ़ाने जा रहे युवक की लूट के विरोध करने पर अपराधियों के गोली मारने से घायल युवक की इलाज के दौरान लखनऊ में मौत हो गई। मृत युवक अगसड़ा निवासी वकील यादव के 27 वर्षीय पुत्र अभय कुमार यादव था। बुधवार को युवक का शव अगसड़ा पहुंचते हीं परिजनों के दहाड़ मार कर रोने से कोहराम मच गया। जानकारी हो कि अभय कुमार यादव मंगलवार के अहले सुबह करीब दो बजे अपने छोटे भाई निर्भय कुमार यादव को तेलंगना जाने के लिए बरौनी- ग्वालियर ट्रेन में बैठाने के लिए मैरवा रेलवे स्टेशन बाइक से जा रहे थे। बाइक पर उनके साथ उनके एक फुफेरे भाई भी सवार थे। इसी दौरान मैरवा-गुठनी मेन रोड पर बभनौली पेट्रोल पंप के पास वे जैसे ही पहुंचे। जहां दो बाइक पर सवार आधा दर्जन अपराधियों ने हथियार का भय दिखा उन्हें रोक दिया। रोकने के बाद पॉकेट की तलाशी लेने लगे। उनके पास आठ हजार रुपये लूट लिया। लूट का विरोध करने पर अपराधियों ने अभय को गर्दन में गोली मार दी। जिससे वह गिरकर छटपटाने लगा। इसके बाद अपराधी फरार हो गए। इधर गोली की आवाज सुन आसपास के लोग एकत्रित हो गए। इसके बाद खून से लथपथ अभय को उनके भाइयों ने आसपास के ग्रामीणों की मदद से मैरवा रेफरल अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद सीवान सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। बाद में सदर अस्पताल से भी गोरखपुर रेफर कर दिया गया। वहां स्थिति नाजुक होने पर लखनऊ रेफर कर दिया। जहां सहारा अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
कईसे जियब हो दादा
युवक के गोली मार हत्या के बाद माता ज्ञानती देवी लसहित के रोने से माहौल गमगीन हो गया। उसकी माँ रोने के क्रम में बोल रही थी कि अब कईसे जियव हो दादा। कहां गइल हो लाल। वहीं युवक की पत्नी सुमन देवी के रोने से सबकी आंखें नम हो जा रही थी।
दो पुत्री व एक पुत्र के ऊपर से उठा पिता की साया
इधर मृत युवक के एक पांच वर्षीय व चार वर्षीय दो बेटियों के अपने पापा के शव से लिपट कर रोने से गांव मात्तमी सन्नाटा पसर गया। वहीं एक छह माह के दूध मुहें पुत्र से पिता का साया हट गया।
हंसमुख स्वभाव का था अभय
लूट का विरोध करने पर अपराधियों के गोली मारने से अभय उर्फ बिटु के मृत होने की सूचना पर आस पास व गांव में चूल्हा नहीं जला। ग्रामीणों ने बताया कि अभय हंसमुख व मिलनसार स्वभाव का था। सबके दुःख सुख में भाग लेता है। गांव पर हीं रह कर खेती किसानी का काम करता था। जिससे अपने परिवार का भरण पोषण करता था। इधर अभय की हत्या होने से परिजनों को भरण पोषण की चिन्ता सताने लगी।