पटना: अररिया जिला के नरपतगंज प्रखंड के इंडो-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र के फुलकाहा थाना के भवन का निर्माण दो करोड़ 78 लाख रुपये की लागत से किया जाएगा। वर्षो के जद्दोजेहाद के बाद आखिरकार फुलकाहा थाना को भवन निर्माण के लिए एक एकड़ भूमि मिल गया। वर्तमान में सैरात महल की भूमि पर निर्मित विपणन भवन में फुलकाहा थाना का संचालन किया जा रहा है। फुलकाहा थाना भवन निर्माण को लेकर दैनिक जागरण में कई बार खबर प्रमुखता प्रकाशित हुई। तत्पश्चात अब विपणन भवन के सटे अहाते में ही थाना के भवन निर्माण के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अनुमति दे दी है।
वर्ष -1980 में ओपी के रूप में फुलकाहा थाना को स्वीकृति मिली थी। वर्ष -2011 में ओपी से थाना का दर्जा मिला। फुलकाहा थाना 2013 से पूर्व एक निजी व्यक्ति के भवन तथा भूमि में चलता था जिसे जमींदार की आपत्ति के बाद वर्ष 2013 में विपणन भवन में शिफ्ट किया गया था। फुलकाहा थाना को अपना भूमि नहीं होने के कारण इसे माडल थाना भवन के लिए राशि उपलब्ध नही हो पा रही थी। थाना का दर्जा मिले दस वर्ष से अधिक बीत गया है, लेकिन, अभी तक थाना को अपना भवन नहीं है। विपणन भवन में थाना भी भगवान भरोसे चल रहा है।
सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए इसे 2011 में थाना बना दिया गया। लेकिन यह थाना फुलकाहा बाजार स्थित सैरात की जमीन पर बने विपणन भवन में चल रहा है। जिसमें दो छोटे छोटे कमरे और एक गोदाम बना हुआ है। इस थाना क्षेत्र में सात पंचायतें आती हैं। इनमें नवाबगंज, मनिकपुर, भंगही, पोसदाहा पंचायत के आधा भाग अंचरा, मधुरा उत्तर के आधा भाग, मधुरा पश्चिम के कुछ भाग शामिल हैं। कुछ वर्ष पूर्व हाजत नहीं होने का खामियाजा यहां के तत्कालीन थानाध्यक्ष श्यामनंदन यादव को भुगतना पड़ा जब शराब तस्करी के आरोप में पकड़े गए तस्कर पुलिस की गिरफ्त से हथकड़ी समेत फरार हो गया था।
भूमि स्वीकृति की दी थी जानकारी
एक मई को अररिया पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार सिंह ने फुलकाहा थाना का निरीक्षण के क्रम में जानकारी देते हुए बताया था कि अंचल पदाधिकारी नरपतगंज के द्वारा भूमि उपलब्ध करवा दिया गया है, प्रशासनिक स्वीकृति मिलते ही भवन निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा था कि माडल थाना भवन हर तरह का आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होगा तथा आवश्यकतानुसार पुलिस बल की भी संख्या बढ़ाई जाएगी।
सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण माडल थाना भवन जरूरी
भारत नेपाल का सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण सुरक्षा के ²ष्टिकोण से फुलकाहा थाना को सुसज्जित किया जाना तथा पुलिसकर्मियों की संख्या में बढ़ोतरी करना अनिवार्य माना जा रहा है। फुलकाहा थाना का आधुनिकीकरण के लिए पूर्व में फुलकाहा के समाजसेविययों, बुद्धजीवियों तथा स्थानीय नागरिकों की ओर से मांग भी उठती रही थी। फुलकाहा इंडो-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र है जिनके कारण यहां आधुनिक सुविधा रहना जरूरी है।