- आज़ादी के 75 वें साल को समर्पित था खुला सत्र
- स्वाधीनता सेनानियों और सामाजिक बदलाव आंदोलन के शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया गया
परवेज अख्तर/सिवान: भाकपा माले के 12 वें ज़िला सम्मेलन के खुले सत्र का उदघाटन करते हुए भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि देश पर अघोषित अपातकाल थोप दिया गया है जहां रोज़ आज़ादी के सपने और मूल्यबोधों को रौंदा जा रहा है. गांधीवादियों, अम्बेडकरवादियों, उदारवादियों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, आदिवासी आंदोलन के सामाजिक कार्यकर्ताओं, वकीलों, पत्रकारों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं सहित विपक्ष और विपक्ष की हर आवाज़ पर बुलडोज़र चल रहे हैं. स्थायी अपातकाल के तहत समाज को विखंडित किया जा रहा है और नफरत की खेती की जा रही है. यह सरकार हिंसा और अपराध का जश्न मना रही है.
फूट डालो और राज करो को आगे बढ़ाते हुए घेर लो और मार दो की रणनीति पर काम कर रही है. अल्पसंख्यकों पर हमले-बोलने-लिखने पर संविधान को दरकिनार कर हमले किये जा रहे हैं. संविधान विरोधी भाजपा नेताओं-विधायकों-सांसदों के बोल को संरक्षण दिया जा रहा है. इसलिये आज़ादी आंदोलन को याद करने का मतलब है उस मूल्यबोध और विरासत की रक्षा करना और संविधान विरोधी ताकतों को शिकस्त देना. देश और समाज को बांटकर भाजपा ने भारत को श्रीलंका की स्थिति में धकेल दिया है. देश की आर्थिक बदहाली खासकर बेलगाम मंहगाई और बेरोज़गारी ने भारत को गहरे संकट में धकेल दिया है.
अम्बानी-अडाणी का लुटराज़ आज़ादी के सपनों का भारत नहीं है, यह देश की सम्पदा और जनता के दोहन पर खड़ी महल है. बाबा साहेब अंबेडकर के शब्दों में कहिये तो भारत महाविपत्ति के दौर से गुजर रहा है जहां लोकतंत्र, संविधान और जनाधिकार खतरे में है. भाकपा माले की कोशिश है कि संघर्ष की तमाम ताकतों को इकट्ठा कर राष्ट्रीय प्रतिरोध की श्रृंखला खड़ी की जाए और 2024 में देश के गद्दारों और अम्बानी-अडाणी के यारों को सत्ता से बाहर किया जाए. सीवान में भाकपा माले को महागठबंधन दलों से मिलकर सीवान को भाजपा से आज़ाद करने की जरूरत है क्योंकि यहां जदयू भाजपा का विस्तार है. नीतीश का दौर समाप्त हो गया है, नए दौर में नए गठबंधन के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है. उन्होंने आह्वान करते हुए कहा कि सीवान नए दौर के भगतसिंह और उनके साथियों की शहादत भूमि है. इस मौके पर भाकपा माले और फांसीवाद के खिलाफ हर जगह प्रतिरोध खड़ा करना है.
सम्मेलन को सीपीआई, सीपीएम सहित शहर के कई बुद्धिजीवियों ने सम्बोधित किये. भाकपा माले विधायक सत्त्यदेव राम, अमरजीत कुशवाहा, राज्य पर्यवेक्षक इंद्रजीत चौरसिया, भाकपा माले पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेन्द्र झा, ज़िला सचिव हंसनाथ राम, सोहिला गुप्ता, विकास यादव आदि ने भी खुले सत्र को सम्बोधित किया. इस सत्र का संचालन पार्टी केंद्रीय कमिटी के सदस्य नईमुद्दीन अंसारी ने किया. सम्मेलन की शुरुआत शहीद चंद्रशेखर और बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण हुआ. झंडोतोलन वरिष्ठ पार्टी नेता अमरनाथ यादव ने किया. सम्मेलन से प्रस्ताव पारित कर देश के जेलों में बन्द सामाजिक, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों को रिहा करने की मांग की गई. सीवान ज़िला सहित पूरे बिहार को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की मांग भी की गई.