- रमेश दुबे की हत्या करने के लिए सीवान से ही कार से पीछा कर रहे थे अपराधी
- भाई के मुकदमे की कोर्ट में पैरवी का लौट रहे थे अपने घर
- चार आरोपियों में एक ठेकेदार का भाई शामित तो दो ठेकेदार की हत्या में है अभियुक्त
परवेज़ अख्तर/सिवान: जिले के मैरवा थाने के लक्ष्मीपुर ओवरब्रिज के समीप अपराधियों ने दिनदहाड़े अंधाधुध फायरिंग कर चर्चित अशोक दुबे हत्याकांड के गवाह एवं आरोपित उमेश तिवारी उर्फ बैज बाबा के भाई रमेश तिवारी को जख्मी कर दिया. सदर अस्पताल में उपचार के दौरान एसडीपीओ जितेंद्र पांडे के समक्ष जख्मी रमेश तिवारी ने चार हमलावर प्रदीप दुबे, संतोष पांडे, विजय पांडे एवं छोटे पांडे का नाम बताया. जख्मी ने बताया कि इन्हीं लोगों ने उस पर अंधाधुंध फायरिंग कर जख्मी कर दिया. घायल रमेश तिवारी ने हमले का कारण तो कुछ नहीं बताया, लेकिन इस घटना के तार चर्चित अशोक दुबे हत्याकांड से जुड़ा प्रतीत हो रहा है. क्योंकि रमेश तिवारी ने हमलावरों में विजय पांडे एवं छोटे पांडे का नाम बताया है जो चर्चित अशोक दुबे हत्याकांड में भी आरोपी हैं. साथ ही अशोक दुबे का भाई प्रदीप दुबे भी इनके साथ शामिल था. फिलहाल घायल ठेकेदार हत्याकांड में अप्राथमिक अभियुक्त उमेश तिवारी का भाई है इसलिए पुलिस घायल के बयान को गंभीरता से लेते हुए घटना के तह तक जाने का प्रयास कर रही है.
सीवान से ही हमलावर कार से कर रहे थे रमेश तिवारी का पीछा
सूत्रों के अनुसार बताया जाता है कि जेल में बंद अपने भाई के मुकदमे की पैरवी करने के लिए कोर्ट आए थे. कोर्ट में पैरवी करने के बाद वे वापस लौट रहे थे. बताया जाता है कि हमलावर सीवान से ही अल्टो कार से रमेश तिवारी का पीछा कर रहे थे. मैरवा थाने के लक्ष्मीपुर रेल ओवर ब्रिज के जब अंतिम छोर पर रमेश तिवारी सुनसान जगह पर पहुंचे तब पीछे से हमलावरों ने अंधाधुंध फायरिंग करना शुरू कर दिया. गोली लगने के बाद रमेश तिवारी खून से लथपथ होकर नीचे गिर पड़े तब अपराधियों ने उन्हें मरा समझकर मैरवा की तरफ निकल गए. यह संयोग ही था कि अपराधियों के 5 गोली लगने के बाद रमेश तिवारी होश में थे तथा स्थानीय लोगों को उन्होंने अपने विषय में बताया तब लोग पुलिस की मदद से उपचार के लिए मैरवा रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया.
क्या कहते हैं एसडीपीओ
अस्पताल में सभी लोगों के सामने घायल संतोष तिवारी ने चार हमलावरों के नाम बताए हैं. उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है. घटना के कारणों के संबंध में अभी कुछ भी नहीं बता रहे हैं.
जितेंद्र पांडे, एसडीपीओ सीवान