परवेज अख्तर/सिवान: इसी परिपेक्ष्य में आज दिनांक 07-08-2022 को नाबार्ड द्वारा ‘बुनकर ग्राम’ जमालहाता गाँव, गोपाल पुर रोड, हुसैनगंज. सीवान में राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का आयोजन किया गया. इसका आयोजन नाबार्ड द्वारा बुनकर ग्राम जमालहाता में किया गया. डीडीएम नाबार्ड सुमित कुमार सिंह द्वारा बताया गया कि जिले में नाबार्ड अपने विविध क्रिया कलापों में कृषि के अलावा गैर कृषि क्षेत्र विशेष कर हथकरघा उद्योग के पुनरुद्धार के लिए संकल्पबद्ध है. उनके द्वारा बताया गया कि विगत दिनों में नाबार्ड द्वारा जमालहाता गाव में 36 बुनकरो को कालीन निर्माण का साठ दिवसीय निशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम, सहायक एजेंसी मध्य फ़ाउंडेशन द्वारा प्रदान किया गया. बुनकरों को नई कला से अवगत कराया गया है, सारे बुनकर पूरी तरह से प्रशिक्षित हो चुके हैं.
आज हथकरघा उत्पादों कि मांग देश विदेश में बढ़ गयी है, विशेष कर हस्त निर्मित कालीन कि मांग बड़े शहरो एवं विदेशों में काफी है. बाजार का सर्वे भी कराया जा चुका है. नाबार्ड कि योजना है सभी बुनकरो को पीएमईजीपी योजना के अंतर्गत बैंक ऋण से जोड़ दिया जाये. जिससे बुनकरो को पूंजी का अभाव ना हो. मौके पर उपस्थित उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबन्धक धीरेंद्र कुमार झा द्वारा विश्वास दिया गया कि सभी योग्य प्रशिक्षणार्थी लाभार्थियों को बैंक योजना के अंतर्गत पीएमईजीपी अथवा बुनकर मुद्रा योजना से जोड़ा जाएगा. उन्होंने नाबार्ड को जिला में ऐसे कार्यों के आयोजन के लिए धन्यवाद किया.
एलडीएम सीवान शशि कपूर ने बताया गया कि हथकरघा प्रकृति में निहित है, इसमें पूंजी और बिजली की न्यूनतम आवश्यकता होती है एवं पर्यावरण के अनुकूल उत्पादन प्रक्रियाएं हैं. इसके द्वारा फैशन के रुझान और तेजी से बदलती ग्राहक प्राथमिकताओं में बदलाव को पूरा करने कि योगता है.डीडीएम नाबार्ड सुमित कुमार सिंह द्वारा हथकरघा बुनकरों को संबन्धित सरकारी लाभकारी योजनाओं कि विस्तृत जानकारी दी गयी एवं बुनकरो को सम्मानित किया गया. उनके द्वारा बताया गया कि नाबार्ड हथकरघा बुनकर समुदाय और सामाजिक-आर्थिक विकास में उनके योगदान का सम्मान करता हैं. सरकार हथकरघा क्षेत्र के सतत विकास को सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है, जिससे हमारे हथकरघा बुनकरों और श्रमिकों को वित्तीय रूप से सशक्त बनाया जा सके और उनके उत्कृष्ट शिल्प कौशल पर गर्व किया जा सके.