परवेज अख्तर/सिवान: शनिवार को ऐपवा ने गुजरात की बिलकिस बानो के बलात्कारियों के रिहा करने के मामले में शहर के ललित बस स्टैंड से एक प्रतिरोध मार्च निकाला. मामले में ऐपवा ने जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. जिला सचिव सोहिला गुप्ता ने कहां कि गुजरात में 2002 में हुई मुस्लिम विरोधी दंगों में सात मुस्लिमों की हत्या तथा गर्भवती बिलकिस बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे आरोपियों को सरकार ने आजादी के 75 वर्ष के अवसर पर 15 अगस्त रिहा कर दिया. उन्होंने यह भी कहा कि क्या इसी को अमृत काल कहते हैं. जश्न मनाने के लिए उन लोगों को आजाद करने का गुजरात सरकार का आधार क्या था.
क्या सजा माफी और आजादी में मुसलमानों की हत्या और बलात्कार ही पुरस्कार था. रिहाई के बाद मिठाई बांटा गया था और फूल माला से स्वागत किया गया. दूसरी तरफ राजस्थान में दलित छात्र ने मटका से पानी पी लिया था. जिससे शिक्षक द्वारा पिटाई कर दी गई. यहां तक कि उसकी मौत भी हो गई थी.वही मंजीत कौर ने कहा कि बिलकिस बानो के बलात्कारी व मुस्लिम समुदाय के जनसंहारियों को पुनः सजा बरकरार किया जाए. राजस्थान के दलित छात्रों की पिटाई से मौत के आरोपी को फांसी दिया जाए. नहीं तो हम लोग यह मार्च पुनः करेंगे. मौके पर स्वर्ण सिंह, कुंती यादव, मंजू देवी, माया कुशवाहा, उषा देवी, सुब्रतो देवी, शांति देवी, हीरा मती देवी और गीता देवी के अलावे विरोध मार्च में सैकड़ों महिलाएं शामिल थी.