छपरा: जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के टाड़ी गांव में हुए 10 जून को हुए जमीनी विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच गोली-बारी की घटना हुई थी. जिसमें बीके सिंह की मौत घटना स्थल पर ही हो गयी थी. जिसमें मुफस्सिल थाना में 428/22 के तहत मामला दर्ज किया गया था. जिसमें पुलिस ने दोनों पक्षों के लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
वहीं जेल से छूटने के बाद नीतेश कुमार सिंह उर्फ भोदू की पत्नी पुजा देवी ने मुफस्सिल थाना के एएसआई विकास कुमार व अन्य पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से तीन घरों से लगभग करीब 80 लाख रुपये के गहने समेत अन्य सामान की चारी कर लेने का आरोप लगाया है. जिसमें पीड़िता ने सारण पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार के यहां आवेदन देते हुए कहा है कि घटना के बाद हमलोगों को पुलिस द्वारा यह कहा गया कि हत्या होने से दूसरा पक्ष उग्र है और आपलोग हमारे साथ थाना पर चलिये. जिसके बाद हमलोग थाने पर आ गये और पुलिस द्वारा झूठा आरोप लगाते हुए हमलोगों को जेल भेज दिया गया. वहीं जब हमलोग जमानत पर घर आये तो मेरे घर का चाभी मुफस्सिल थाना में जमा था और पुलिस उसे देने में आना-कानी कर रही थी.
तत्पश्चात जब इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक के पास किया गया तब, पुलिस ने चाभी को दिया. जब चाभी लेकर जब हमलोग घर पहुंचे तो पता चला कि घर का सारा बहुमूल्य सामान, गहना, रुपया, कागज का पेटी, जमीन का दस्तावेज सबकुछ गायब था. काफी छानबीन करने के बाद पता लगा की पुलिस व विरोधी पक्ष के साथ मिलकर एक साजिश के तहत इतना बड़ा कांड को अंजाम दिया गया है. वहीं उन्होंने मुफस्सिल पुलिस पर आरोप लगाया है कि जब घर में ताला बंद किया गया तो, उसे पुलिस के द्वारा सील नहीं किया गया. वरीय पदाधिकारियों के देख-रेख में सील करने का प्रावधान है. वहीं इस संबंध में पूछे जाने पर मुफस्सिल थानाध्यक्ष गजेंद्र प्रसाद ने बताया कि हमलोग घर के अंदर के कमरों में तालाबंदी नहीं किये थे. सिर्फ तीनों घरों के चाहरदिवारी के बाहर ही ताला लगाया था. परिजनों द्वारा लगाया गया आरोप बेबुनियाद है.