बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उत्तर प्रदेश के फूलपुर या मिर्जापुर से लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा के बाद उनकी पार्टी जदयू में गंभीर चर्चाओं का दौर शुरू हो चुका है. हालांकि इसे लेकर एक तरफ बीजेपी हमलावर है, तो वहीं दूसरी तरफ लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद की ओर से नीतीश कुमार को समर्थन मिलने लगा है.
लोकसभा चुनावों में बीजेपी विरोधी और विपक्ष के नेता के तौर पर उभर रहे नीतीश कुमार को राजद के कई नेता समर्थन दे रहे हैं. नीतीश कुमार के लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलें तो पहले से थीं, लेकिन इस संबंध में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का बयान आने के बाद सियासी चर्चाओं का दौर शुरू हो चुका है. उनकी पार्टी की ओर से भी स्पष्ट तौर पर इशारा कर दिया गया है कि नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं.
आपको बता दें कि 2004 के बाद से नीतीश कुमार ने ना तो लोकसभा और ना ही विधानसभा का चुनाव लड़ा है. नीतीश ने 2004 में दो जगहों से चुनाव लड़ा था जिसमें नालंदा और बाढ़ लोकसभा सीट शामिल थी, इसमें वो बाढ़ से राजद के विजय कृष्ण से चुनाव हार गए थे. जबकि नालंदा से चुनाव जीते थे. उसके एक साल बाद ही 2005 में वो बिहार के मुख्यमंत्री बन गए, तो उन्होंने लोकसभा से अपनी सीट छोड़ दी थी. तब से अब तक उन्होंने कोई चुनाव नहीं लड़ा है.
अब जब फिर से चर्चा है कि वो लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं, तो अभी तस्वीर साफ नहीं है कि वो बिहार की किसी सीट से लड़ेंगे या उतर प्रदेश से, पर उनके फूलपुर या मिर्जापुर से चुनाव लड़ने की खबरे हैं. उनके चुनाव लड़ने की चर्चा को लेकर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा और प्रवक्ता नीरज कुमार उत्साहित हैं. वे उनके चुनाव लड़ने को सकारात्मक कदम के रूप में देख रहे हैं.
जाहिर है प्रदेश अध्यक्ष कहते हैं नीतीश जी कहीं से भी चुनाव लड़ सकते हैं. वहीं नीरज कुमार का कहना है कि ये नीतीश को तय करना है. साथ ही वो भाजपा के आरोप पर पलटवार भी करने से नहीं चूकते हैं. जबकि बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने नीतीश के चुनाव लड़ने पर तंज कसते हुए कहा है कि फूलपुर हो या मिर्जापुर नीतीश कुमार की जमानत नहीं बचेगी. बिहार से इतना डर गए हैं कि अब यूपी जाने की सोच रहे हैं. जबकि राजद नेता शक्ति कुमार ने नीतीश कुमार के लोकसभा चुनाव लड़ने का समर्थन किया है.