- सुदूर क्षेत्रों तक कालाजार कार्यक्रम का लाभ पहुंचे तभी बनेगी बात
- कालाजार उन्मूलन पर सामाजिक जागरूकता पर प्रशिक्षण का आयोजन
- पीसीआई संस्था सहयोग से स्वास्थ्य कर्मियों को दिया गया प्रशिक्षण
परवेज अख्तर/सिवान: सामाजिक जागरूकता से ही कालाजार रोग पर काबू पाया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि हम स्वास्थ्यकर्मियों को इसकी संपूर्ण जानकारी दें, जो समाज के निचले पायदान पर काम कर रहे हैं या लोगों के साथ जिनकी सीधी पहुंच है। उक्त बातें कालाजार उन्मूलन के लिए सामाजिक जागरूकता पर हुए एक दिवसीय प्रशिक्षण के मौके पर एसीएमओ प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. प्रमोद कुमार पांडेय ने कहा। पीसीआई संस्था के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा आयोजित इस प्रशिक्षण का आयोजन होटल सफायर इन में किया गया था। इसका विधिवत उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ. प्रमोद कुमार पांडेय, डीएमओ डॉ. एमआर रंजन, डीपीएम ठाकुर विश्वमोहन की उपस्थिति में दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। सिविल सर्जन ने प्रशिक्षुओं को संदेश दिया कि जनजागरुकता से कालाजार उम्मूलन संभव है। डीएमओ डॉ. एमआर रंजन ने प्रशिक्षण के दौरान बताया कि कालाजार उन्मूलन को लेकर विस्तृत चर्चा व जनजागरूकता पर बल दिया गया तथा इस बीमारी की रोकथाम को लेकर आवश्यक जानकारी भी दी गई। जनजागरूकता से ही कालाजार का उन्मूलन संभव है। इसलिए, प्रशिक्षण के दौरान सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक करने पर बल दिया गया।
विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित कर किया जायेगा जागरूक:
पीसीआई के आरएमसी जुलेखा फातमा के द्वारा कार्यक्रम में कालाजार उन्मूलन के लिए सारे विभाग के साथ कैसे समन्वय बनाना है बताया गया पंचायती राज के जनप्रतिनिधियों, पीडीएस दुकानदारों, आईसीडीएस एवं जीविका के कर्मियों के अलावा विकास मित्र, शिक्षा विभाग समेत अन्य विभागों से समन्वय कर सामुदायिक स्तर पर लोगों को इस बीमारी से बचाव के लिए जागरूक करने के लिए विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। प्रशिक्षण में मौजूद बीसीएम,सीएचओ ,भीबीडीएस,बीएचडब्लयू, प्रतिभागियों को कालाजार के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की विस्तृत जानकारी देते हुए जनजागरूकता पर बल दिया गया।
कालाजार से बचाव के लिए दी गई जानकारी
भीबीडीसी राजेश कुमार ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में कालाजार की जाँच एवं इलाज की मुफ्त समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि इस बीमारी से बचाव के लिए जमीन पर नहीं सोएं। मच्छरदानी का नियमित रूप से उपयोग करें। दिन में भी मच्छरदानी लगाकर ही सोएं। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें।
कालाजार के लक्षण :
- लगातार रूक-रूक कर बुखार आना
- वजन में लगातार कमी होना व दुर्बलता
- कुपोषण का शिकार होना
- खून की कमी हो जाता है
- जिगर तिल्ली में सूजन कड़ापन होता है